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पीड़िता के पति का बयान आया सामने, बता दिया वो सच जिसके बाद बजिंदर पहुंचा जेल

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 01 Apr, 2025 02:31 PM

statement of the victim s husband came out

एक लंबे और कठिन संघर्ष के बाद पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला उस मामले में आया है जिसमें पादरी बजिंदर ने एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया था।

नेशनल डेस्क: एक लंबे और कठिन संघर्ष के बाद पादरी बजिंदर सिंह को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। यह फैसला उस मामले में आया है जिसमें पादरी बजिंदर ने एक नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया था। 7 सालों के बाद अदालत ने उसे भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (बलात्कार), 323 (चोट पहुँचाने), और 506 (आपराधिक धमकी) के तहत दोषी करार दिया। यह मामला पंजाब के मोहाली जिले के पॉक्सो (POCSO) कोर्ट में चल रहा था। यह मामला 2018 का है, जब जीरकपुर की एक महिला ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई थी। महिला का आरोप था कि पादरी बजिंदर ने उसे विदेश में बसाने का वादा कर उसका यौन शोषण किया। बजिंदर ने उसका एक अश्लील वीडियो भी रिकॉर्ड कर लिया था और उसे धमकी दी थी कि अगर वह उसकी मांगें नहीं मानेगी तो वह वीडियो सोशल मीडिया पर डाल देगा। जब यह घटना हुई, उस समय पीड़िता नाबालिग थी। इस कारण मामला पॉक्सो कोर्ट में चला था। वहीं पीड़िता के पति ने बताया कि मेरे खिलाफ फर्जी एफआईआर दर्ज की गई और हम पर हमले किए गए। मैंने खुद छह महीने जेल में बिताए, लेकिन अंततः मैंने ठान लिया था कि इस दोषी को सजा दिलवानी है। हमें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा था और आज हमें न्याय मिला।"

 

पीड़िता के पति की प्रतिक्रिया

पीड़िता ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "वह (बजिंदर) एक मनोरोगी है और जेल से बाहर आने के बाद भी वही अपराध करेगा, इसलिए मैं चाहती हूं कि वह हमेशा के लिए जेल में रहे। आज बहुत सारी लड़कियों की जीत हुई है।" वहीं, पीड़िता के पति ने अदालत के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, "हमने इस मामले के लिए सात साल तक संघर्ष किया। आरोपी (पादरी बजिंदर) ने अदालत को लगातार गुमराह करने की कोशिश की और विदेश यात्राएं करता रहा, जबकि अदालत ने उसे ऐसा करने की अनुमति नहीं दी थी। " उन्होंने आगे कहा, "इस मामले में छह आरोपी थे, जिनमें से पांच को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया है, लेकिन पादरी बजिंदर को दोषी करार दिया गया है। हम अदालत के फैसले का स्वागत करते हैं और उम्मीद करते हैं कि इस फैसले से समाज में सकारात्मक बदलाव आएगा।"

कैसे था आरोपियों का नेटवर्क?

इस मामले में कुल 7 आरोपी थे, जिनमें से पांच को अदालत ने सबूतों के अभाव में बरी कर दिया। पादरी बजिंदर के खिलाफ पॉक्सो एक्ट और भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के तहत मामला दर्ज हुआ था। पुलिस ने अपनी जांच में कहा कि बजिंदर ने पीड़िता को जालंधर में चर्च में गलत तरीके से टारगेट किया और उसके साथ शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया।

 

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