Edited By Rohini Oberoi,Updated: 17 Jan, 2025 09:58 AM
शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में 485 अंकों की गिरावट दर्ज की गई जबकि निफ्टी 23,167 के स्तर पर पहुँच गया। वैश्विक संकेतों और घरेलू निवेशकों की सतर्कता के बीच बाजार में यह कमजोरी देखी गई।
नेशनल डेस्क। शुक्रवार को शुरुआती कारोबार में प्रमुख शेयर सूचकांक सेंसेक्स में 485 अंकों की गिरावट दर्ज की गई, जबकि निफ्टी 23,167 के स्तर पर पहुँच गया। वैश्विक संकेतों और घरेलू निवेशकों की सतर्कता के बीच बाजार में यह कमजोरी देखी गई।
गिरावट के कारण
➤ वैश्विक बाजारों का असर: अंतरराष्ट्रीय बाजारों में मंदी के संकेतों का असर भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।
➤ बिकवाली का दबाव: निवेशकों में बिकवाली का रुख बढ़ने से बाजार में गिरावट देखी जा रही है।
➤ कच्चे तेल की कीमतें: कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों और महंगाई की चिंता ने भी बाजार पर असर डाला है।
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कौन से सेक्टर प्रभावित हुए?
➤ बैंकिंग और वित्तीय सेवाएं: बैंकिंग शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई।
➤ आईटी सेक्टर: आईटी कंपनियों के शेयरों में भी मंदी का माहौल है।
➤ ऑटो और मेटल: ऑटोमोबाइल और मेटल सेक्टर के शेयर भी दबाव में हैं।
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निवेशकों को क्या करना चाहिए?
➤ धैर्य रखें: बाजार में गिरावट के समय जल्दबाजी में निवेश न करें।
➤ लंबी अवधि पर ध्यान दें: इस समय लंबे समय के लिए मजबूत कंपनियों के शेयर खरीदने का मौका हो सकता है।
➤ विशेषज्ञों से सलाह लें: बाजार की स्थिति को समझने के लिए विशेषज्ञों से सलाह जरूर लें।
अगले कदम
➤ बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि वैश्विक और घरेलू घटनाओं पर निर्भर करते हुए बाजार में उतार-चढ़ाव जारी रह सकता है।
➤ निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो को संतुलित रखने की सलाह दी जाती है।
➤ बाजार में गिरावट के बावजूद यह समझदारी से निवेश करने का सही समय हो सकता है। शेयर बाजार में निवेश करते समय सोच-समझकर फैसला लें।