Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 10 Apr, 2025 04:01 PM
11 अप्रैल यानी शुक्रवार का दिन शेयर बाजार के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। छुट्टी के बाद जब घरेलू बाजार खुलेगा तो हालात सामान्य नहीं होंगे। गिफ्ट निफ्टी में तेजी, अमेरिकी बाजारों में ऐतिहासिक उछाल और आरबीआई के ताजा फैसले जैसे बड़े संकेत बता रहे हैं...
नेशनल डेस्क: 11 अप्रैल यानी शुक्रवार का दिन शेयर बाजार के लिए बेहद अहम साबित हो सकता है। छुट्टी के बाद जब घरेलू बाजार खुलेगा तो हालात सामान्य नहीं होंगे। गिफ्ट निफ्टी में तेजी, अमेरिकी बाजारों में ऐतिहासिक उछाल और आरबीआई के ताजा फैसले जैसे बड़े संकेत बता रहे हैं कि मार्केट में जबरदस्त हलचल देखने को मिल सकती है। सवाल यह है कि क्या ये हलचल निवेशकों के लिए फायदे की होगी या डरावने झटकों की शुरुआत? क्योंकि तीन ऐसे बड़े फैक्टर सामने आए हैं जो बाजार की दिशा को पूरी तरह बदल सकते हैं और जरा सी चूक भारी नुकसान का कारण बन सकती है।
1. अमेरिकी बाजारों में ऐतिहासिक उछाल
बीते कुछ वर्षों में पहली बार अमेरिकी शेयर बाजारों में इतनी तेज रफ्तार देखने को मिली।
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डाऊ जोन्स 2300 अंक यानी करीब 7 फीसदी चढ़ गया।
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नास्डाक 10 फीसदी उछल गया।
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एसएंडपी 500 ने भी 8 फीसदी की छलांग लगाई जो बीते 5 सालों में सबसे बड़ी एक दिन की तेजी है।
इस उछाल की एक अहम वजह अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से घोषित 90 दिन की टैरिफ छूट है। अमेरिका ने चीन को छोड़कर बाकी देशों पर रेसिप्रोकल टैक्स में अस्थायी राहत दी है जिससे बाजारों में सकारात्मक माहौल बना है।
2. गिफ्ट निफ्टी से मिला पॉजिटिव संकेत
भारतीय बाजारों से पहले खुलने वाला गिफ्ट निफ्टी भी तेजी का संकेत दे रहा है।
बुधवार 9 अप्रैल को बाजार थोड़ी गिरावट के साथ बंद हुआ था लेकिन अब राहत भरी खबरों के चलते रिवर्सल की संभावना बन गई है।
3. आरबीआई की नीतियों से बाजार को सहारा
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में रेपो रेट में 0.25 फीसदी की कटौती की है जिससे यह 6 फीसदी पर आ गया है।
साथ ही आरबीआई ने यह भी संकेत दिया है कि
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2026 तक महंगाई नियंत्रण में रहेगी
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मानसून सामान्य रहने की संभावना है
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उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) 4 फीसदी पर रह सकता है
ये सभी बातें बाजार की मजबूती की ओर इशारा करती हैं।
एक्सपर्ट्स की राय
अनिरुद्ध गर्ग (इनवेसेट पीएमएस) का कहना है कि"आरबीआई ने विकास की दिशा में निर्णायक मोड़ लिया है और अब उसके पास मांग को समर्थन देने के लिए पर्याप्त जगह है।" वीके विजयकुमार (जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज) मानते हैं कि "भारत जैसे देश को अमेरिकी टैरिफ नीति का कम असर झेलना पड़ेगा और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट भारत के लिए लाभदायक साबित होगी।"
आने वाले दिन कैसा हो सकता है बाजार का मूड?
महावीर जयंती की छुट्टी के बाद शुक्रवार को खुलने वाला शेयर बाजार