Edited By Mahima,Updated: 18 Oct, 2024 09:53 AM
सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की 20 विधानसभा सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की याचिका को खारिज कर दिया। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने याचिकाकर्ता से पूछा कि क्या वह निर्वाचित सरकार को शपथ लेने से रोकना चाहते हैं। कांग्रेस ने इस याचिका से दूरी बना ली, स्पष्ट करते...
नेशनल डेस्क: हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की 20 विधानसभा सीटों पर दोबारा चुनाव कराने की मांग करने वाली एक याचिका को खारिज कर दिया। यह याचिका हरियाणा में नवनिर्वाचित सरकार के शपथग्रहण समारोह से ठीक पहले दायर की गई थी, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल पैदा कर दी है।
याचिका की पृष्ठभूमि
याचिका में प्रिया मिश्रा ने आरोप लगाया कि हरियाणा की 20 विधानसभा सीटों पर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVM) में गड़बड़ी हुई है, जिसके कारण सही परिणाम नहीं मिल सके। उन्होंने यह भी बताया कि कांग्रेस पार्टी ने इस मुद्दे को लेकर चुनाव आयोग को एक ज्ञापन सौंपा है। याचिका में मांग की गई थी कि इन सीटों पर दोबारा चुनाव कराए जाएं ताकि निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सके।
CJI की प्रतिक्रिया
जब यह याचिका सुप्रीम कोर्ट की बेंच में प्रस्तुत की गई, तो Chief Justice of India (CJI) DY Chandrachud ने इस पर आश्चर्य जताया। उन्होंने पूछा, "यह कैसी याचिका है? क्या आप निर्वाचित सरकार को शपथ लेने से रोकना चाहते हैं?" उनके इस सवाल ने सभी उपस्थित व्यक्तियों को चौंका दिया, और यह स्पष्ट हो गया कि कोर्ट इस तरह की याचिकाओं को गंभीरता से नहीं ले रहा है। CJI ने आगे कहा कि इस प्रकार की याचिकाएँ न केवल न्यायालय की समय बर्बाद करती हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि याचिकाकर्ता चुनावी प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप करना चाहते हैं।
कोर्ट की चेतावनी
सुनवाई के दौरान, CJI की बेंच ने याचिकाकर्ता को चेतावनी दी कि यदि वह अपनी बात स्पष्ट नहीं कर पाते हैं, तो उन्हें जुर्माना भी भरना पड़ सकता है। इसके बावजूद, याचिकाकर्ता के वकील ने बार-बार अपनी बात रखने की कोशिश की। आखिरकार, दोपहर बाद मामले की सुनवाई के बाद, सुप्रीम कोर्ट ने याचिका को खारिज कर दिया।
कांग्रेस पार्टी की स्थिति
इस बीच, कांग्रेस पार्टी ने इस याचिका से अपनी दूरी बना ली है। पार्टी के विधि, मानवाधिकार और RTI विभाग ने एक बयान जारी कर कहा कि इस याचिका को दायर करने से पहले विभाग या पार्टी की सहमति नहीं ली गई थी। बयान में यह स्पष्ट किया गया कि पार्टी को इस याचिका की जानकारी नहीं थी और न ही इसकी पुष्टि की गई है। इस स्पष्टीकरण ने कांग्रेस की स्थिति को मजबूत किया है, खासकर जब पार्टी चुनावी प्रक्रिया में पारदर्शिता और निष्पक्षता की वकालत करती है।
Political Perspective
हरियाणा में इस घटना ने राजनीति के विभिन्न पहलुओं को उजागर किया है। नवनिर्वाचित सरकार के शपथग्रहण समारोह से पहले इस तरह की याचिकाएँ उठने से यह सवाल खड़ा होता है कि क्या विपक्ष अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने के लिए चुनावी प्रक्रिया में हस्तक्षेप कर रहा है। इस घटना के बाद, अब सभी की निगाहें हरियाणा की नवनिर्वाचित सरकार के कार्यों और फैसलों पर होंगी। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि चुनावी प्रक्रिया में अनुचित हस्तक्षेप को स्वीकार नहीं किया जाएगा, और लोकतंत्र के स्तंभों की रक्षा के लिए न्यायालय सख्त रहेगा।