Edited By Mahima,Updated: 06 Nov, 2024 12:06 PM
भारत की स्वेता नाम की लड़की ने ब्रिटेन में रहने के लिए लिंक्डइन पर पोस्ट किया, जिसमें उसने एक महीने के लिए फ्री में काम करने का प्रस्ताव दिया। उसने बताया कि उसका ग्रेजुएट वीजा समाप्त हो रहा है और वह 300 से अधिक नौकरियों के बावजूद काम नहीं ढूंढ पाई।...
नेशनल डेस्क: भारत की एक छात्रा स्वेता का लिंक्डइन पर किया गया पोस्ट इन दिनों सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। स्वेता ने इस पोस्ट में अपनी चिंता और बेताबी को व्यक्त करते हुए ब्रिटेन में रहने का एक बेहद असामान्य तरीका अपनाया है। उन्होंने लिखा कि उनका ग्रेजुएट वीजा तीन महीने में समाप्त हो जाएगा और अब वह वहां काम करने के लिए किसी भी हालत में तैयार हैं। स्वेता ने बताया कि वह 2021 में भारत से ब्रिटेन अपनी पढ़ाई के लिए आई थीं और 2022 में स्नातक की डिग्री पूरी की थी। स्नातक होने के बाद से वह ब्रिटेन में नौकरी की तलाश में लगी हुई हैं, लेकिन अब तक उन्हें 300 से भी ज्यादा नौकरियों के लिए आवेदन करने के बावजूद कोई नौकरी नहीं मिल पाई है।
स्वेता ने अपनी पोस्ट में लिखा, “यह पोस्ट मेरे भविष्य को सुरक्षित करने का अंतिम अवसर है। मैं एक डिजाइन इंजीनियर के तौर पर काम की तलाश कर रही हूं। अगर आप मुझे किसी डिजाइन इंजीनियर की भूमिका के लिए नियुक्त करते हैं, तो आपको इसका कोई पछतावा नहीं होगा। मैं अपने काम के लिए प्रतिदिन 12 घंटे और सप्ताह में सातों दिन काम करने को तैयार हूं।” स्वेता ने आगे एक और बात कही, जिसे सुनकर हर कोई हैरान रह गया। उन्होंने कहा कि वह एक महीने के लिए फ्री में काम करने को तैयार हैं। उनका कहना था, "अगर मुझे ठीक से काम न करने पर नौकरी से निकाल दिया जाए, तो मैं कोई सवाल नहीं पूछूंगी।" उनके इस प्रस्ताव के साथ उन्होंने एक फोटो भी साझा की, जिसमें यह लिखा था, “मुझे एक महीने के लिए फ्री में नौकरी पर रखें, अगर मैं ठीक से काम नहीं करूं तो निकाल देना।"
स्वेता का यह पोस्ट सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है और लोग इस पर अपनी प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कुछ लोग स्वेता के इस कदम को उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लिए एक समझदार कोशिश मान रहे हैं, जबकि कई लोग इसे एक अजीब और अव्यावसायिक तरीका मान रहे हैं। एक यूजर ने इस पर टिप्पणी करते हुए लिखा, “यह बेतुका है कि आपको इस देश में रहने के लिए मुफ्त में काम करने या इतने घंटे तक काम करने की जरूरत है।” वहीं, दूसरे ने कहा, “अगर आप अपने देश में काम करने के लिए तैयार हैं तो अपने घर लौटने का विचार क्यों नहीं करतीं?” कई और लोगों ने यह भी कहा कि 1 महीने तक मुफ्त में काम करना आपके समय और मेहनत का नुकसान है, और आपको इसके बदले उचित वेतन मिलना चाहिए।
स्वेता की यह पोस्ट केवल उनके व्यक्तिगत संघर्ष को ही नहीं बल्कि उन लाखों छात्रों के लिए भी एक कड़ा संदेश है जो विदेशों में जाकर बेहतर जीवन और करियर बनाने के सपने देखते हैं। आजकल शिक्षा, वीजा और नौकरी के मुद्दे पर संघर्ष कर रहे छात्रों के लिए स्वेता का यह कदम एक उदाहरण बन सकता है, लेकिन यह भी साफ करता है कि दुनिया के कई देशों में नौकरियों की कमी और जीवन यापन की कठिनाइयां एक बड़ी चुनौती बन चुकी हैं।
स्वेता का यह मामला एक तरफ उनकी तड़प और मेहनत को दिखाता है, तो दूसरी तरफ यह भी दर्शाता है कि आजकल युवाओं के पास अपने सपनों को साकार करने के लिए न केवल मेहनत की जरूरत होती है, बल्कि सही अवसर भी महत्वपूर्ण हैं। सोशल मीडिया पर उनकी इस स्थिति पर मिली-जुली प्रतिक्रियाएं यह साबित करती हैं कि आज के युवाओं के लिए कोई भी रास्ता सरल नहीं है और उन्हें अपने सपनों को पूरा करने के लिए हर तरह की कठिनाइयों से गुजरना पड़ता है। क्या स्वेता को इस अनूठे प्रस्ताव से मदद मिलेगी? या यह केवल एक हताशा की निशानी है? यह तो आने वाला समय ही बताएगा, लेकिन उनका पोस्ट इस बात को जरूर दर्शाता है कि किसी भी देश में रहने और काम करने के लिए मेहनत और धैर्य की आवश्यकता होती है।