Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Sep, 2024 04:42 PM
हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बुधवार को एक आदेश पारित कर सभी रेहड़ी-पटरी वालों और खाद्य प्रतिष्ठानों को मालिकों, प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया।
नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार ने बुधवार को एक आदेश पारित कर सभी रेहड़ी-पटरी वालों और खाद्य प्रतिष्ठानों को मालिकों, प्रोपराइटरों और कर्मचारियों के नाम प्रमुखता से प्रदर्शित करने का निर्देश दिया। इस कदम को योगी आदित्यनाथ सरकार के पदचिन्हों पर चलते हुए देखा जा रहा है, जिसका उद्देश्य खाद्य दुकानों में स्वच्छता और सफाई लाना है। एक दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भोजनालयों के बाहर दुकान मालिकों, प्रबंधकों और प्रोपराइटरों के नाम प्रदर्शित करना अनिवार्य कर दिया था। होटलों और रेस्टोरेंट में सीसीटीवी लगाना भी अनिवार्य कर दिया गया है।
विक्रमादित्य सिंह का बयान
हिमाचल प्रदेश के शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बुधवार को मीडिया को जानकारी देते हुए कहा कि राज्य सरकार ने लोगों को स्वच्छ एवं स्वास्थ्यकर भोजन उपलब्ध कराने के लिए उत्तर प्रदेश की तरह ही निर्णय लिया है। विक्रमादित्य ने कहा, "शहरी विकास मंत्रालय और नगर निगम ने एक बैठक में सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया, जिसमें खाद्य स्टालों पर भोजन की उपलब्धता के बारे में लोगों की आशंकाओं और आशंकाओं को ध्यान में रखा गया।"
शिकायत मिलने पर होगी कड़ी कार्रवाई
उन्होंने पत्रकारों से कहा, "हमने उत्तर प्रदेश की तरह राज्य में भी नियमों को सख्ती से लागू करने का निर्णय लिया है।" उन्होंने आगे कहा कि सड़कों पर खाना बेचने वालों को अपना नाम और पहचान पत्र प्रमुखता से प्रदर्शित करना होगा। अगर खाने और मेन्यू को लेकर कोई शिकायत मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
जब उनसे खाद्य विक्रेता लाइसेंस केवल हिमाचल प्रदेश के निवासियों तक सीमित रखने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने इसके खिलाफ राय व्यक्त की। हालांकि उन्होंने कहा कि नए लाइसेंस देने में कुछ आपत्तियां उठाई जा रही हैं। उन्होंने कहा, "लाइसेंस देने में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए, जबकि दलित समुदाय और विकलांग वर्ग के लोगों को एक निश्चित मात्रा में आरक्षण का हकदार बनाया जाएगा।"
पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य- विक्रमादित्य
इससे पहले उन्होंने अपने फेसबुक पर भी लिखा था, "हर रेस्टोरेंट और फास्ट फूड आउटलेट को मालिक का पहचान पत्र दिखाना अनिवार्य होगा, ताकि लोगों को कोई परेशानी न हो। इसके लिए कल शहरी विकास और नगर निगम की बैठक में निर्देश जारी किए गए हैं।" एक दिन पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने राज्य में संचालित सभी रेस्टोरेंट और फूड आउटलेट के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किए थे। उन्हें मालिकों के नाम प्रदर्शित करने, सीसीटीवी कैमरे लगाने और खाद्य पदार्थों में मिलावट पर कड़ी नजर रखने का निर्देश दिया गया था। यूपी के मुख्यमंत्री ने अन्य राज्यों में खाद्य पदार्थों में मानव अपशिष्ट मिलाने की घटनाओं का जिक्र करते हुए खाद्य पदार्थों में किसी भी तरह की मिलावट के खिलाफ चेतावनी भी दी।