Edited By Mahima,Updated: 06 Feb, 2025 01:10 PM
![strong opposition from the opposition wearing handcuffs](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2025_2image_13_10_090076357yyaa-ll.jpg)
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की डिपोर्टेशन नीति के खिलाफ भारतीय संसद में विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया। सांसदों ने हथकड़ी पहनकर अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ अमानवीय व्यवहार पर विरोध जताया। समाजवादी पार्टी और कांग्रेस नेताओं ने सरकार...
नेशनल डेस्क: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की डिपोर्टेशन नीति ने दुनियाभर में हलचल मचा दी है। ट्रंप के आदेश के बाद अमेरिका में अवैध रूप से रह रहे प्रवासियों को उनके देश भेजा जा रहा है। इस नीति के तहत भारत के 104 नागरिकों को अमेरिका से डिपोर्ट किया गया है। अब, इस मुद्दे को लेकर भारतीय संसद में विपक्षी दलों ने विरोध प्रदर्शन किया है। कांग्रेस, समाजवादी पार्टी और अन्य विपक्षी दलों के नेताओं ने संसद के मकर द्वार के सामने हाथों में हथकड़ी पहनकर अपना विरोध दर्ज किया। कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल, समाजवादी पार्टी सांसद धर्मेंद्र यादव, कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह और अन्य विपक्षी नेताओं को हथकड़ी पहनते हुए देखा गया। उनका आरोप है कि अमेरिका से डिपोर्ट हुए भारतीयों के साथ अमानवीय और अपमानजनक व्यवहार किया गया है।
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मुद्दे पर अपनी चिंता जताते हुए कहा कि भारतीयों को अमेरिका ने बेड़ियों में बांधकर, दास की तरह वापस भेजा है। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि सरकार ने भारतीयों को यह सपना दिखाया था कि भारत विश्वगुरु बन गया है, लेकिन आज सरकार इस मुद्दे पर चुप्प है। उनका सवाल था कि अगर भारत वाकई विश्वगुरु बन गया है, तो विदेश मंत्रालय इस पर चुप क्यों है? उन्होंने यह भी कहा कि सरकार महिलाओं और बच्चों को भी बचाने में नाकाम रही है।
विपक्षी नेताओं का आरोप है कि भारतीय सरकार को यह बताना चाहिए कि भारतीयों को अपनी मातृभूमि छोड़ने के लिए क्यों मजबूर होना पड़ा। उनके मुताबिक, यह सरकार की जिम्मेदारी है कि वह डिपोर्ट किए गए नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करे और उन्हें सम्मानजनक तरीके से उनके देश वापस लाए। समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता धर्मेंद्र यादव ने इस मुद्दे पर सरकार से जवाब मांगा। उन्होंने कहा कि अमेरिका से डिपोर्ट किए गए भारतीयों के साथ ऐसा बुरा व्यवहार करना पूरी तरह से गलत है। उनका कहना था कि जब भारतीय नागरिकों को विदेशों में बेहतर जीवन की तलाश होती है, तो उन्हें ऐसी स्थिति का सामना क्यों करना पड़ रहा है?
विपक्षी नेताओं ने यह भी कहा कि इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया जाना चाहिए क्योंकि यह भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि से जुड़ा हुआ है। उनका कहना है कि भारत सरकार को इस मुद्दे पर पूरी दुनिया के सामने अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। इस मुद्दे पर विपक्ष लगातार हमलावर हो रहा है और सरकार से सख्त सवाल कर रहा है। विदेश मंत्री एस. जयशंकर आज दोपहर दो बजे संसद में इस मुद्दे पर बयान देंगे। वे भारतीयों की वापसी के मामले में अपनी सरकार की स्थिति को स्पष्ट करेंगे और यह भी बताएंगे कि इस मुद्दे पर सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं। विपक्ष का आरोप है कि सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है और यह स्थिति भारत की अंतरराष्ट्रीय छवि को नुकसान पहुंचा सकती है। वहीं, सरकार इस मामले को सुलझाने के लिए विदेश मंत्रालय के माध्यम से कूटनीतिक प्रयासों का दावा कर रही है।