छात्र ने MBBS में एडमिशन के लिए अपनाया ऐसा तरीका कि हो गई 7 साल की सजा और फिर....

Edited By Rahul Rana,Updated: 13 Nov, 2024 10:13 AM

student admission mbbs in up now imprisoned for 7 years

भदोही जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक छात्र को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लेने के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई। साथ ही, उसे 11,000 रुपये का...

नेशनल डेस्क। भदोही जिले के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने एक छात्र को फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला लेने के मामले में दोषी करार देते हुए 7 साल की सजा सुनाई। साथ ही, उसे 11,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया गया।

घटना का विवरण

पुलिस अधीक्षक मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि आरोपी छात्र अमित कुमार बिन्द, जो भदोही के गोपीगंज थाना क्षेत्र के इब्राहीमपुर गांव का निवासी है, ने पहले जवाहर नवोदय विद्यालय में ओबीसी (ऑथरिज्ड बैकवर्ड क्लास) जाति प्रमाण पत्र के आधार पर दाखिला लिया था और वहां से अपनी पढ़ाई की थी। इसके बाद, 23 मार्च 2010 को उसने फर्जी तरीके से अनुसूचित जाति (SC) / अनुसूचित जनजाति (ST) का प्रमाण पत्र बनवाया।

फर्जी प्रमाण पत्र पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर उसने 2018 में दलित कोटे से प्रयागराज के मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस में दाखिला ले लिया और वहां पढ़ाई करने लगा। जब इस मामले का खुलासा हुआ, तो जांच के बाद उसे दोषी पाया गया।

सजा और जुर्माना

अदालत ने अमित कुमार बिन्द को फर्जी दस्तावेज़ के आधार पर मेडिकल कॉलेज में दाखिला लेने के आरोप में सात साल की सजा और 11,000 रुपये जुर्माना लगाया है।

कानूनी दृष्टिकोण

फर्जी जाति प्रमाण पत्र के आधार पर सरकारी योजनाओं का लाभ उठाना और शैक्षिक संस्थानों में दाखिला प्राप्त करना एक गंभीर अपराध है। इस मामले में आरोपी को कड़ी सजा मिली है, जो ऐसे अपराधों के खिलाफ एक सख्त संदेश है।

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