Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Jan, 2025 05:29 PM
छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के अचरीपाली गांव में एक अजीब घटना ने सबको हैरान कर दिया। यहां एक 16 वर्षीय छात्रा ने भगवान शिव को खुश करने के लिए अपनी जीभ काट डाली और उसके बाद मंदिर में खुद को बंद कर लिया। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि...
नेशनल डेस्क: छत्तीसगढ़ के सक्ती जिले के अचरीपाली गांव में एक अजीब घटना ने सबको हैरान कर दिया। यहां एक 16 वर्षीय छात्रा ने भगवान शिव को खुश करने के लिए अपनी जीभ काट डाली और उसके बाद मंदिर में खुद को बंद कर लिया। यह घटना इलाके में चर्चा का विषय बन गई है, क्योंकि छात्रा ने इस असामान्य कदम को उठाने से पहले एक पर्चा भी छोड़ा था, जिसमें उसने लिखा था कि "आवाज नहीं आनी चाहिए" और अगर वह उठ जाए तो "किसी का मर्डर हो जाएगा"। यह पर्चा मंदिर के बाहर फेंका गया था, और उसके बाद छात्रा ने शिव मंदिर में साधना करने के लिए खुद को बंद कर लिया।
घटना सोमवार सुबह सात बजे की है जब छात्रा, जो कि कक्षा 11 की छात्रा है, गांव के पास स्थित शिव मंदिर में पहुंची। छात्रा ने एक नोट छोड़ा, जिसमें लिखा था, “काकरों आवाज नहीं आनी चाहिए। गाड़ी या आदमी काकरो नहीं। अगर मैं उठ जहा तो सब के मर्डर हो जाह, चाहे मोर पापा या मम्मी या कोई अधिकारी समझ में नहीं आ रहा है आप सभी को।”
इसके बाद, छात्रा ने अपनी जीभ काट ली और मंदिर में खुद को बंद कर लिया। पर्चे में उसने स्पष्ट किया कि वह दो दिन तक साधना में लीन रहेगी और किसी को डिस्टर्ब नहीं करना चाहिए। स्थानीय लोग और उसके माता-पिता ने पुलिस को मंदिर में जाने से रोक दिया, हालांकि पुलिस और एंबुलेंस टीम मौके पर पहुंची। पुलिस अधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों ने छात्रा के परिवारवालों से समझाने की कोशिश की कि वह अपनी बेटी को अस्पताल ले जाएं, लेकिन उन्होंने इसे नकारा। छात्रा के परिवार का कहना था कि वह पूरी तरह से स्वस्थ है और इसे किसी भी इलाज की जरूरत नहीं है, साथ ही यह उनका धार्मिक आस्था का हिस्सा था।
इस घटना से आसपास के लोग और अधिकारी चकित रह गए। उन्होंने छात्रा के माता-पिता को समझाने की कोशिश की, लेकिन परिवारवालों का कहना था कि यह उनकी बेटी का धार्मिक कार्य है और वह हर सोमवार को पूजा करती है। हालांकि, पुलिस इस मामले पर गहरी नजर बनाए हुए है और स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश कर रही है।
यह घटनाक्रम न केवल स्थानीय निवासियों के लिए हैरान करने वाला था, बल्कि धार्मिक विश्वास और आस्था के नाम पर की जाने वाली गतिविधियों पर भी सवाल खड़ा करता है। अब देखना यह होगा कि इस मामले में आगे क्या कदम उठाए जाते हैं।