Edited By Utsav Singh,Updated: 06 Nov, 2024 04:46 PM
केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना" का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, स्टूडेंट्स को 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटर के मिलेगा। यह कदम उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद...
नेशनल डेस्क : केंद्र सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए "प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना" का ऐलान किया है। इस योजना के तहत, स्टूडेंट्स को 10 लाख रुपये तक का एजुकेशन लोन बिना किसी गारंटर के मिलेगा। यह कदम उन छात्रों के लिए बहुत फायदेमंद होगा, जो अच्छे संस्थानों में उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आर्थिक कारणों से असमर्थ हैं। अब उनकी शिक्षा पर पैसों की कमी का असर नहीं पड़ेगा।
लोन की राशि और प्रक्रिया
इस योजना के तहत, छात्र 10 लाख रुपये तक का लोन ले सकते हैं, जो बिना किसी गारंटर के उपलब्ध होगा। इससे उन छात्रों को खासा लाभ होगा जो किसी गारंटर के बिना लोन प्राप्त करने में असमर्थ होते थे। इस योजना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई बैठक में मुहर लग गई है, और अब इसे पूरे देशभर में लागू किया जाएगा।
उद्देश्य: शिक्षा का सपना पूरा करना
इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि देश के युवाओं को उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए आवश्यक वित्तीय मदद मिल सके। आजकल अच्छे कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में प्रवेश लेने के लिए जो खर्चा आता है, वह कई बार छात्रों के लिए विकट समस्या बन जाता है। प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना से छात्रों को शिक्षा के इस खर्च को पूरा करने के लिए सुविधाजनक और सस्ता लोन मिलेगा, जिससे उनके सपने साकार हो सकेंगे।
योजना के प्रमुख लाभ
-
10 लाख रुपये तक का लोन बिना गारंटर के।
-
देशभर में स्थित प्रमुख संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को मदद।
-
लोन की समान दरें और आसान भुगतान योजनाएं।
-
आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों के छात्रों को शिक्षा में समान अवसर प्रदान करना।
PM विद्यालक्ष्मी योजना के लिए योग्यता
1. संस्थान की योग्यता
- हायर स्टडी के लिए जिस संस्थान में छात्र एडमिशन लेते हैं, उस संस्थान का NIRF (National Institutional Ranking Framework) में ऑल इंडिया रैंक 100 या राज्य स्तर पर रैंक 200 या इसके भीतर होनी चाहिए।
- यह संस्थान सरकारी होना चाहिए, यानी राज्य या केंद्र सरकार द्वारा संचालित या मान्यता प्राप्त होना चाहिए।
2. छात्रों की आय की सीमा
- स्टूडेंट्स की सालाना आय 8 लाख रुपये या इससे कम होनी चाहिए। यह सुनिश्चित करता है कि आर्थिक रूप से कमजोर छात्र इस योजना का लाभ उठा सकें।
3. योजना के तहत लोन वितरण
- प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना के तहत हर साल 1 लाख स्टूडेंट्स को लोन दिया जाएगा, जिससे बड़ी संख्या में छात्रों को उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय मदद मिल सके।
4. क्रेडिट गारंटी
- 7.5 लाख रुपये तक के लोन के लिए सरकार द्वारा क्रेडिट गारंटी प्रदान की जाएगी, जिससे छात्रों को लोन लेने में आसानी होगी और गारंटर की आवश्यकता नहीं होगी।
आर्थिक सुरक्षा और समर्थन
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना से छात्रों को लोन प्राप्त करने में आर्थिक सुरक्षा और सहायता मिलेगी। विशेष रूप से उन परिवारों के लिए यह एक बड़ी राहत होगी, जिनकी आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है, लेकिन उनके बच्चे उच्च शिक्षा प्राप्त करने के योग्य हैं।
प्रधानमंत्री विद्यालक्ष्मी योजना शिक्षा के क्षेत्र में एक बड़े सुधार की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। इस योजना से न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता मिलेगी, बल्कि यह भारत में शिक्षा का स्तर और विश्वविद्यालयों में दाखिला लेने की प्रक्रिया को और भी सुलभ बनाएगा।