Edited By Parveen Kumar,Updated: 08 Nov, 2024 07:19 PM
मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सटई इलाके में 25 अक्टूबर को एक दुखद हादसा हुआ। यहां एक प्राइवेट लाइनमैन सतेन्द्र रैकवार बिजली सुधार के काम में लगे हुए थे, तभी अचानक बिजली सप्लाई चालू हो गई और करंट लगने से उनकी मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य लोग भी...
नेशनल डेस्क : मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के सटई इलाके में 25 अक्टूबर को एक दुखद हादसा हुआ। यहां एक प्राइवेट लाइनमैन सतेन्द्र रैकवार बिजली सुधार के काम में लगे हुए थे, तभी अचानक बिजली सप्लाई चालू हो गई और करंट लगने से उनकी मौत हो गई। इस हादसे में तीन अन्य लोग भी घायल हो गए हैं। मृतक के परिवार ने शुक्रवार को पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जाकर ज्ञापन सौंपा और न्याय की गुहार लगाई।
मृतक के पिता ने लगाए आरोप
मृतक के पिता, जमना रैकवार ने बताया कि उनका बेटा सतेन्द्र और अन्य लोग ठेकेदार प्रदीप तिवारी के तहत काम कर रहे थे। काम करते समय अचानक बिजली चालू हो गई, जिससे करंट लगने से सतेन्द्र और अन्य कर्मचारी झुलस गए।
बिजली कैसे चालू हुई?
जमना रैकवार का आरोप है कि यह हादसा बिजली विभाग के कर्मचारियों की लापरवाही के कारण हुआ। उनका कहना है कि सटई के लाइनमैन बृजेन्द्र पटेल और स्टेशन ऑपरेटर जगदीश कुशवाहा की गलती से बिजली सप्लाई चालू हुई, जिससे उनके बेटे की जान गई। परिजनों ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
पुलिस कर रही है जांच
बिजली कंपनी के नियमों के मुताबिक, नई लाइन बिछाने के दौरान ठेकेदार को विभाग से अनुमति (परमिट) लेनी होती है। लेकिन बिना परमिट के बिजली कैसे चालू हुई, यह अभी भी एक बड़ा सवाल बना हुआ है। बिजली कंपनी के अधिकारी इस मामले में कुछ भी कहने से बच रहे हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है।