Edited By Tanuja,Updated: 10 Sep, 2024 07:36 PM
अमेरिका में भारतीय IT उद्यमी व स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वक्ता सुखी चहल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेरिका में दिए गए उनके बयान पर....
Washington: अमेरिका में भारतीय IT उद्यमी व स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय के वक्ता सुखी चहल ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को अमेरिका में दिए गए उनके बयान पर चुनौती दी है। राहुल गांधी ने अपनी अमेरिका यात्रा के दौरान भारतीय प्रवासियों को संबोधित करते हुए सिखों को लेकर कुछ टिप्पणियां की थीं। उन्होंने सिखों के भारत में पगड़ी पहनने और धार्मिक प्रतीकों के उपयोग से जुड़े मुद्दों पर बात की थी।सुखी चहल ने इन बयानों पर कड़ी आपत्ति जताई और कहा कि राहुल गांधी का यह बयान सिख समुदाय और भारतीय समाज के बीच विभाजन पैदा करने वाला है।
I invite Shri @RahulGandhi of @INCIndia for a public debate on #Sikh issues in Delhi. I invite him to choose the time & venue, even at Congress HQ. Rahul, let’s address the truth. Whose govt was in power during the 1984 Sikh massacre? Under whose watch it happened and who… pic.twitter.com/AbKA984T5f
— Sukhi Chahal ll ਸੁੱਖੀ ਚਾਹਲ (@realSukhiChahal) September 10, 2024
चहल ने कहा कि इस तरह की टिप्पणियां सिख समुदाय की स्थिति को गलत तरीके से पेश करती हैं। चहल लंबे समय से सिख अधिकारों की पैरवी करते आ रहे हैं और उन्होंने किसान आंदोलन के दौरान भी सिख समुदाय का समर्थन किया था। सुखी चहल का कहना है कि सिख समुदाय को इस तरह के विवादों में घसीटना सही नहीं है और इससे समाज में अनावश्यक तनाव पैदा हो सकता है । उन्होंने कहा कि मैं राहुल गांधी को दिल्ली में सिख मुद्दों पर एक सार्वजनिक बहस के लिए चुनौती देता हूं, ताकि वह गलत जानकारियों को स्पष्ट करें जो उन्होंने फैलाई हैं।
सुखी चहल ने यह भी कहा कि राहुल को समय और स्थान चुनने का पूरा अधिकार है, चाहे वह कांग्रेस मुख्यालय हो या कोई और जगह। राहुल गांधी का दावा है कि भारत में मौजूदा संघर्ष इस बात को लेकर है कि क्या सिखों को पगड़ी पहनने या गुरुद्वारों में प्रवेश करने की अनुमति दी जाएगी। लेकिन, सच्चाई यह है कि 1984 में कांग्रेस के शासनकाल में हजारों सिखों की हत्या हुई थी और भारतीय सेना को स्वर्ण मंदिर में भेजा गया था। तब किसकी सरकार थी?
जानें कौन हैं सुखी चहल ?
सुखी चहल का जन्म भारत के पंजाब के मानसा जिले में हुआ था और 1992 में वे अमेरिका चले गए। उन्होंने 1988 से 1992 तक गुरु नानक इंजीनियरिंग कॉलेज लुधियाना, पंजाब में पढ़ाई की है। वे पेशे से कंप्यूटर इंजीनियर हैं; कंप्यूटर और प्रबंधन से संबंधित कार्यकारी पाठ्यक्रमों के लिए स्टैनफोर्ड और यूसी बर्कले में गए हैं। उन्होंने विभिन्न सिलिकॉन वैली स्थित कंपनियों में वरिष्ठ प्रबंधन, इंजीनियरिंग और परामर्श पदों पर कार्य किया है। वे 2015 से सिलिकॉन वैली, कैलिफोर्निया स्थित गैर-लाभकारी संगठन पंजाब फाउंडेशन के संस्थापक और अध्यक्ष हैं। पंजाब फाउंडेशन वंचित बच्चों को शैक्षिक सहायता प्रदान करता है। वे अमेरिका-भारत द्विपक्षीय और रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने के लिए एक मजबूत और गतिशील संबंध को बढ़ावा देने पर भारत सरकार और अमेरिकी व्यापार जगत के नेताओं के साथ मिलकर काम कर रहे हैं।