Edited By rajesh kumar,Updated: 21 Aug, 2024 03:26 PM
पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता सुप्रिया सुले ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर बुधवार को महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की।
नेशनल डेस्क: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की नेता सुप्रिया सुले ने बदलापुर यौन उत्पीड़न मामले को लेकर बुधवार को महाराष्ट्र सरकार पर निशाना साधा और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के इस्तीफे की मांग की। फडणवीस के पास गृह मंत्रालय का भी जिम्मा है। बदलापुर की घटना की निंदा करने के लिए आयोजित एक विरोध प्रदर्शन से इतर संवाददाताओं से बात करते हुए सुले ने एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार पर महिला सुरक्षा के मुद्दे पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया। उन्होंने दावा किया कि सरकार तो पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है, लिहाजा उसके पास आम लोगों के लिए समय नहीं है।
बच्चियों के यौन उत्पीड़न पर विरोध प्रदर्शन
बदलापुर कस्बे में मंगलवार को उस समय बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए जब गुस्साए अभिभावकों, स्थानीय निवासियों और अन्य लोगों ने रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया और उस स्कूल में तोड़फोड़ की, जहां पिछले सप्ताह एक पुरुष सहायक द्वारा दो छात्राओं का यौन उत्पीड़न किया गया था। प्रदर्शनकारियों ने आरोपी के खिलाफ सख्त सजा की मांग की, जिसे 17 अगस्त को गिरफ्तार किया गया था। राज्य सरकार ने मंगलवार को दो बच्चियों के यौन उत्पीड़न की जांच में कर्तव्य के प्रति कथित लापरवाही के लिए एक वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक सहित तीन पुलिस अधिकारियों को निलंबित करने का आदेश दिया।
सरकार पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त
सुले ने कहा, ‘‘स्कूल में घटना के तत्काल बाद यदि शिक्षा मंत्री ने कार्रवाई की होती तो आंदोलन की जरूरत नहीं पड़ती। यह दर्शाता है कि यह सरकार महिलाओं की सुरक्षा के बारे में बिल्कुल भी गंभीर नहीं है। सरकार आयकर विभाग और प्रवर्तन निदेशालय का इस्तेमाल कर घरों, पार्टियों को तोड़ने में व्यस्त है।'' बारामती से सांसद सुले ने घटना को लेकर फडणवीस की आलोचना की और पूछा कि शक्ति कानून का क्या हुआ जो पहले लाया गया। उन्होंने कहा, ‘‘गृह मंत्री, जो मुंबई से ज्यादा समय दिल्ली में बिताते हैं, उन्हें इस घटना पर स्पष्टीकरण देना चाहिए और नैतिक जिम्मेदारी के तौर पर इस्तीफा देना चाहिए।''
आंदोलन न होता तो घटना सामने नहीं आती- सुले
प्राथमिकी दर्ज करने में देरी पर सवाल उठाते हुए सुले ने जानना चाहा कि पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ जांच क्यों नहीं शुरू की गई। राकांपा की कार्यकारी अध्यक्ष ने कहा, ‘‘अगर लोगों ने आंदोलन नहीं किया होता तो यह घटना सामने नहीं आती।'' उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति चरमरा रही है और महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं। सुले ने कहा कि बदलापुर स्कूल की घटना को अधिक संवेदनशीलता से देखा जाना चाहिए था।