Edited By Anu Malhotra,Updated: 15 Apr, 2025 04:21 PM
भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज विनोद कांबली पिछले कुछ वर्षों से सिर्फ मैदान से ही नहीं, बल्कि जीवन की मुश्किलों से भी संघर्ष कर रहे हैं। कभी मैदान पर चौकों-छक्कों की बारिश करने वाला यह खिलाड़ी अब स्वास्थ्य और आर्थिक तंगी से जूझ रहा है।...
नेशनल डेस्क: भारतीय क्रिकेट के पूर्व दिग्गज बल्लेबाज विनोद कांबली पिछले कुछ सालों से जीवन की मुश्किलों से भी संघर्ष कर रहे हैं। कभी मैदान पर चौकों-छक्कों की बारिश करने वाला यह खिलाड़ी अब स्वास्थ्य और आर्थिक तंगी से जूझ रहा है। लेकिन ऐसे कठिन दौर में एक और दिग्गज खिलाड़ी ने कांबली की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है- सुनील गावस्कर।
गावस्कर फाउंडेशन देगा हर महीने आर्थिक सहायता
सुनील गावस्कर की संस्था CHAMPS Foundation ने विनोद कांबली को राहत पहुंचाने का बीड़ा उठाया है। फाउंडेशन की ओर से अब कांबली को हर महीने ₹30,000 की सहायता राशि दी जाएगी। इसके अलावा, वार्षिक ₹30,000 का मेडिकल फंड भी अलग से मुहैया कराया जाएगा जिससे उनके इलाज का बोझ कुछ हल्का हो सके।
लंबे समय से बीमार चल रहे हैं कांबली
कांबली की तबीयत दिसंबर 2024 में तब बिगड़ी थी, जब उन्हें मूत्र संक्रमण और मांसपेशियों में ऐंठन की वजह से ठाणे के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। करीब दो हफ्तों के इलाज के बाद वह जनवरी की शुरुआत में डिस्चार्ज हुए। इससे पहले भी वह कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना कर चुके हैं—2013 में उन्हें दो बार हार्ट सर्जरी करवानी पड़ी थी, जिनमें उनके करीबी दोस्त सचिन तेंदुलकर ने भी मदद की थी।
दिसंबर में हुई थी कांबली और गावस्कर की मुलाकात
यह सहायता अचानक नहीं आई है। दिसंबर 2024 में मुंबई के शिवाजी पार्क में कोच रमाकांत आचरेकर के स्मारक के अनावरण के दौरान गावस्कर और कांबली की मुलाकात हुई थी। उसी मौके पर गावस्कर ने कांबली की मदद करने का वादा किया था, जिसे अब उन्होंने निभाया है। क्रिकेट से जुड़ी यह संवेदनशीलता और आपसी जुड़ाव वाकई दिल को छू लेने वाला है।
कांबली की पत्नी ने भी किया था बड़ा खुलासा
कांबली की निजी जिंदगी भी हाल के वर्षों में काफी उथल-पुथल से भरी रही है। उनकी पत्नी एंड्रिया हेविट ने हाल ही में एक पॉडकास्ट में बताया कि उन्होंने 2023 में तलाक की अर्जी दी थी, लेकिन कांबली की बिगड़ती हालत और असहायता देखकर उन्होंने अपना फैसला बदल दिया। यह भी दिखाता है कि परिवार और करीबी लोगों का साथ ऐसे वक्त में कितना जरूरी होता है।