Sunita Williams: सुनीता विलियम्स के लिए आसान नहीं होगी धरती पर वापसी, चलने-बोलने से लेकर इन शारीरिक चुनौतियों का करना होगा सामना

Edited By Anu Malhotra,Updated: 18 Mar, 2025 07:09 AM

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भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जल्द ही अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगी, लेकिन उनकी यह वापसी आसान नहीं होगी। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुरुत्वाकर्षण के अभाव में शरीर की...

वॉशिंगटन: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स जल्द ही अंतरिक्ष से धरती पर लौटेंगी, लेकिन उनकी यह वापसी आसान नहीं होगी। अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने के बाद शरीर को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है। गुरुत्वाकर्षण के अभाव में शरीर की कार्यप्रणाली बदल जाती है, जिससे हड्डियों, मांसपेशियों, आंखों और दिल पर गहरा असर पड़ सकता है।

नासा ने पुष्टि की है कि विलियम्स और विल्मोर का फ्लोरिडा के तट पर समुद्र में उतरने का कार्यक्रम मंगलवार शाम 5:57 बजे (भारतीय समयानुसार 19 मार्च की सुबह 3:27 बजे) निर्धारित किया गया है।  

किन शारीरिक समस्याओं से जूझ सकती हैं सुनीता विलियम्स?

1. चलने में होगी दिक्कत

अंतरिक्ष में महीनों तक रहने से शरीर को भारहीनता (Zero Gravity) की आदत हो जाती है। जब अंतरिक्ष यात्री वापस धरती पर आते हैं, तो गुरुत्वाकर्षण के कारण मांसपेशियां कमजोर पड़ जाती हैं, जिससे उन्हें सीधा खड़े होने और चलने में कठिनाई होती है।

2. हड्डियों और मांसपेशियों पर असर

अंतरिक्ष में रहने से हड्डियों का घनत्व (Bone Density) कम हो जाता है, जिससे ऑस्टियोपोरोसिस जैसी स्थिति उत्पन्न हो सकती है। सुनीता विलियम्स को फिजियोथेरेपी और व्यायाम के जरिए अपनी हड्डियों को फिर से मजबूत बनाना होगा।

3. आंखों की रोशनी पर असर

अंतरिक्ष में लंबे समय तक रहने से आंखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है। नासा के वैज्ञानिकों के मुताबिक, माइक्रोग्रैविटी के कारण अंतरिक्ष यात्रियों की आई बॉल (Eyeball) का आकार बदल सकता है, जिससे दृष्टि में धुंधलापन आ सकता है।

4. दिल पर पड़ेगा प्रभाव

धरती के मुकाबले अंतरिक्ष में दिल को कम मेहनत करनी पड़ती है, जिससे यह थोड़ा सिकुड़ सकता है। जब अंतरिक्ष यात्री वापस आते हैं, तो ब्लड प्रेशर, धड़कनों की गति और रक्त संचार पर असर पड़ सकता है, जिससे सुनीता विलियम्स को कुछ हफ्तों तक मॉनिटरिंग की जरूरत होगी।

5. इम्यून सिस्टम हो सकता है कमजोर

अंतरिक्ष में रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) कमजोर हो जाती है, जिससे वापस आने के बाद अंतरिक्ष यात्रियों को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। उन्हें डॉक्टरों की कड़ी निगरानी में रहना पड़ता है।

6. 'वेटलेस टंग' और बोलने में दिक्कत

वजनहीनता के कारण अंतरिक्ष यात्रियों की जीभ और होठों की संवेदनशीलता बदल सकती है। इससे बोलने में परेशानी हो सकती है, क्योंकि अंतरिक्ष में जीभ और होठों को ज्यादा वजन नहीं उठाना पड़ता।

अंतरिक्ष यात्रियों की रिकवरी कैसे होती है?

  • फिजिकल थेरेपी: शरीर को सामान्य करने के लिए कड़ी एक्सरसाइज कराई जाती है।
  • चिकित्सकीय जांच: दिल, आंख और हड्डियों की गहन जांच की जाती है।
  • खान-पान पर विशेष ध्यान: हेल्दी डाइट से शरीर को रिकवरी में मदद मिलती है।
  • मेंटल हेल्थ सपोर्ट: माइक्रोग्रैविटी से धरती पर लौटने के मानसिक प्रभाव को भी मॉनिटर किया जाता है।

सुनीता विलियम्स के स्पेस मिशन का सफर

सुनीता विलियम्स ने अब तक दो बार अंतरिक्ष की यात्रा की है और करीब 321 दिन अंतरिक्ष में बिता चुकी हैं। उनकी इस बार की वापसी के बाद भी वैज्ञानिक उनके स्वास्थ्य पर नजर रखेंगे और जरूरी चिकित्सा प्रक्रियाओं से गुजरने में उनकी मदद करेंगे।

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