Edited By Mahima,Updated: 18 Mar, 2025 12:29 PM
भारतीय मूल की अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्षयात्री स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौटने जा रहे हैं। उनका वापसी यात्रा 17 घंटे की होगी और इसमें कई चरण होंगे जैसे प्रेशर सूट पहनना, अनडॉकिंग, डीऑर्बिट बर्न, वायुमंडल...
नेशनल डेस्क: भारतीय मूल की अमेरिकी अंतरिक्षयात्री सुनीता विलियम्स, जो पिछले साल जून महीने से अंतरिक्ष में हैं, अब स्पेसएक्स के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट से पृथ्वी पर लौटने जा रही हैं। उनके साथ दो और अंतरिक्षयात्री – बुच विल्मर, निक हेग और एलेक्जेंडर गोर्बुनोव भी धरती की ओर रवाना होंगे। इस यात्रा का सफर लगभग 17 घंटे का होगा और बुधवार, 19 मार्च 2025 को भारतीय समयानुसार सुबह 3.30 बजे ये सभी अंतरिक्ष यात्री धरती पर लैंड करेंगे। इस लैंडिंग की प्रक्रिया काफी जटिल है, और यह कई चरणों में पूरी होती है। आइए जानते हैं कि स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन से अंतरिक्षयात्री की वापसी के समय पूरी प्रक्रिया क्या होगी।
1. प्रेशर सूट पहनने से शुरू होगा सफर
अंतरिक्ष यात्रा के इस अंतिम चरण की शुरुआत सबसे पहले अंतरिक्षयात्रियों द्वारा प्रेशर सूट पहनने से होगी। यह सूट उनके सुरक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। इसके बाद, अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसक्राफ्ट में सवार किया जाएगा। स्पेसक्राफ्ट के अंदर सभी लीकेज की जांच की जाएगी, और हैच को बंद किया जाएगा, ताकि कोई भी बाहरी तत्व अंदर प्रवेश न कर सके और सुरक्षा बनी रहे।
2. अनडॉकिंग प्रक्रिया
स्पेसक्राफ्ट ड्रैगन की अनडॉकिंग एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसे कई चरणों में किया जाता है।
- चरण 1: सबसे पहले, स्पेसक्राफ्ट के अंदर सुरक्षा चेक किया जाता है। इसके बाद, सभी महत्वपूर्ण सिस्टम जैसे कि लाइफ सपोर्ट सिस्टम, कम्युनिकेशन सिस्टम और थ्रस्टर सिस्टम की कार्यक्षमता की जांच की जाती है। यह सुनिश्चित किया जाता है कि अंतरिक्षयात्री की सुरक्षा के लिए सभी सिस्टम सही तरीके से काम कर रहे हैं।
- चरण 2: अनडॉकिंग से पहले, स्पेसक्राफ्ट को इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन (ISS) से जोड़ने वाले सभी जोड़ खोले जाते हैं।
- चरण 3: इसके बाद थ्रस्टर सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है, जो स्पेसक्राफ्ट को आईएसएस से अलग कर देता है। थ्रस्टर की मदद से स्पेसक्राफ्ट की दिशा और गति को नियंत्रित किया जाता है।
LIVE: @NASA_Astronauts Nick Hague, Suni Williams, Butch Wilmore, and cosmonaut Aleksandr Gorbunov are packing up and closing the hatches as #Crew9 prepares to depart from the @Space_Station. Crew-9 is scheduled to return to Earth on Tuesday, March 18. https://t.co/TpRlvLBVU1
— NASA (@NASA) March 18, 2025
- चरण 4: अंत में, अनडॉकिंग के बाद, स्पेसक्राफ्ट की पूरी मॉनिटरिंग की जाती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि वह पूरी तरह से सुरक्षित रूप से आईएसएस से अलग हो चुका है और यात्रा की दिशा में आगे बढ़ सकता है।
3. डीऑर्बिट बर्न (Deorbit Burn)
स्पेसक्राफ्ट के आईएसएस से अलग होने के बाद, अगला महत्वपूर्ण कदम होता है डीऑर्बिट बर्न। इस प्रक्रिया में, स्पेसक्राफ्ट के इंजन को फायर किया जाता है, ताकि वह पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करने के लिए गति प्राप्त कर सके। यह प्रक्रिया बुधवार तड़के लगभग 2.41 बजे (भारतीय समयानुसार) शुरू होगी, और इसका उद्देश्य स्पेसक्राफ्ट को पृथ्वी के और करीब लाना होगा।
4. पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश
डीऑर्बिट बर्न के बाद, स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के वायुमंडल में प्रवेश करेगा। वायुमंडल में प्रवेश करते वक्त स्पेसक्राफ्ट की गति लगभग 27,000 किलोमीटर प्रति घंटा होगी, जो बहुत तेज़ है। इस दौरान वायुमंडल में घर्षण उत्पन्न होता है, जिससे उच्च तापमान उत्पन्न होता है। इसलिए, स्पेसक्राफ्ट को इस घर्षण और तापमान से बचने के लिए विशेष थर्मल शील्ड की आवश्यकता होती है, जो उसे सुरक्षित रखता है।
5. पैराशूट का खुलना
वायुमंडल में प्रवेश करने के बाद, स्पेसक्राफ्ट की गति को नियंत्रित करने के लिए पैराशूट खोले जाएंगे। पहले, 18,000 फीट की ऊंचाई पर दो ड्रैगन पैराशूट खुलेगा, जो गति को धीमा करेगा। फिर, 6,000 फीट की ऊंचाई पर मुख्य पैराशूट खुलेगा, जिससे स्पेसक्राफ्ट की गति और भी धीमी हो जाएगी। यह प्रक्रिया स्पेसक्राफ्ट को धीरे-धीरे सुरक्षित रूप से लैंडिंग के लिए तैयार करती है।
6. स्प्लैशडाउन (Splashdown)
आखिरी चरण में, स्पेसक्राफ्ट समुद्र में लैंड करेगा। इस प्रक्रिया को स्प्लैशडाउन कहा जाता है। लैंडिंग फ्लोरिडा के तट पर होगी, लेकिन अगर मौसम खराब होता है, तो इसे अन्य स्थानों पर भी मोड़ा जा सकता है। नासा के अनुसार, लैंडिंग का समय बुधवार तड़के 3.27 बजे के आसपास होगा। स्पेसक्राफ्ट की लैंडिंग समुद्र में होती है, और वहां पर पहले से तैयार गाड़ियां और टीमें होती हैं जो अंतरिक्ष यात्रियों को तुरंत बाहर निकालने में मदद करती हैं।
यात्रा का कुल समय
यह वापसी यात्रा पूरी तरह से अनुमानित है, और इसकी कुल अवधि लगभग 17 घंटे होगी। हालांकि, मौसम की परिस्थितियों के कारण यह समय बदल भी सकता है। सभी अंतरिक्षयात्री सुरक्षित रूप से लैंडिंग के बाद अपने घर लौटेंगे, और यह एक ऐतिहासिक क्षण होगा, खासकर सुनीता विलियम्स के लिए, जो भारत में भी एक प्रेरणास्त्रोत के रूप में मानी जाती हैं।