Edited By Anu Malhotra,Updated: 26 Oct, 2024 11:43 AM
भारत में नागरिकों को कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड। इनमें से आधार कार्ड सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला दस्तावेज है, और लगभग 90% भारतीय नागरिकों के पास यह...
नेशनल डेस्क: भारत में नागरिकों को कई महत्वपूर्ण दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जैसे ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट, वोटर आईडी कार्ड, पैन कार्ड और आधार कार्ड। इनमें से आधार कार्ड सबसे ज्यादा उपयोग किया जाने वाला दस्तावेज है, और लगभग 90% भारतीय नागरिकों के पास यह मौजूद है। कई लोग इसे विभिन्न सरकारी कामों में सहायक दस्तावेज के रूप में उपयोग करते हैं, जबकि कुछ इसे जन्म तिथि का प्रमाण भी मानते हैं। हालाँकि, इस पर सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है।
सुप्रीम कोर्ट का फैसला
सुप्रीम कोर्ट ने एक मृत व्यक्ति के परिवार को मुआवजा देने के मामले में आधार कार्ड को जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में मान्यता देने से इनकार कर दिया। पहले पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट ने आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण माना था, लेकिन अब सुप्रीम कोर्ट ने इसे खारिज कर दिया है। इस मामले की सुनवाई जस्टिस संजय करोल और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की बेंच ने की।
UIDAI की जानकारी
भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (UIDAI) ने पिछले साल अक्टूबर में एक अधिसूचना जारी की थी, जिसमें स्पष्ट किया गया था कि आधार कार्ड का उपयोग केवल पहचान पत्र के रूप में किया जा सकता है, न कि जन्म तिथि के प्रमाण के रूप में।
इस फैसले से स्पष्ट होता है कि आधार कार्ड को जन्म तिथि का प्रमाण मानना गलत है, और इसे केवल पहचान के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए।