Edited By Anu Malhotra,Updated: 07 Feb, 2023 11:34 AM

सुप्रीम कोर्ट ने वकील लक्ष्मण चंद्रा विक्टोरिया गौरी को मद्रास हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार किया। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गौरी की मद्रास हाई कोर्ट में न्यायाधीश के तौर...
नई दिल्ली: वकील लक्ष्मण चंद्र विक्टोरिया गौरी ने मंगलवार को मद्रास हाई कोर्ट की अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। इससे पहले, सुप्रीम कोर्ट ने गौरी को मद्रास हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के अनुरोध वाली याचिका पर सुनवाई करने से इनकार कर दिया। मद्रास हाई कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश टी राजा ने राष्ट्रपति द्वारा जारी नियुक्ति आदेश पढ़ने सहित अन्य परंपराओं के बाद गौरी को अतिरिक्त न्यायाधीश पद की शपथ दिलाई।
गौरी के अलावा चार अन्य लोगों ने भी मद्रास हाई कोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। इससे पहले, शीर्ष अदालत ने न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति को चुनौती देने वाली एक याचिका पर सुनवााई करने से इनकार कर दिया। न्यायमूर्ति संजय खन्ना और न्यायमूर्ति बी आर गवई की विशेष पीठ ने कहा, हम रिट याचिका पर विचार नहीं कर रहे हैं। वजहें बताई जाएंगी। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को गौरी की मद्रास हाई कोर्ट में न्यायाधीश के तौर पर नियुक्ति को चुनौती देने वाली याचिका पर सात फरवरी को सुनवाई करने का फैसला किया था। शीर्ष अदालत के फैसले के ठीक पहले केंद्र ने न्यायाधीश के रूप में गौरी की नियुक्ति को अधिसूचित किया था।
याचिकाकर्ता वकीलों-अन्ना मैथ्यू, सुधा रामलिंगम और डी नागसैला ने अपनी याचिका में गौरी द्वारा मुसलमानों और ईसाइयों के खिलाफ की गई कथित घृणास्पद टिप्पणियों का उल्लेख किया था। याचिका में कहा गया था, “याचिकाकर्ता न्यायपालिका की स्वतंत्रता के लिए ‘गंभीर खतरे' को देखते हुए चौथे प्रतिवादी (गौरी) को हाई कोर्ट की न्यायाधीश के रूप में शपथ लेने से रोकने के वास्ते उचित अंतरिम आदेश जारी करने की मांग कर रहे हैं।”
क्यों हो रहा विरोध?
दरअसल, विक्टोरिया की नियुक्ति को चुनौती देते हुए दलील दी गई है कि उनका एक राजनीतिक दल से जुड़ाव रहा है। उनके सोशल मीडिया अकाउंट्स के मुताबिक, वो भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा की महासचिव भी रह चुकी हैं। इसके अलावा आरोप है कि अपनी पार्टी की विचार धारा के अनुसार ही विक्टोरिया गौरी फैसले लेती है और तो और कई अवसरों पर लव जिहाद और अन्य साम्प्रदायिक मुद्दों पर सार्वजनिक तौर पर मुसलमानों और ईसाइयों के प्रति नफरत और विद्वेष बढ़ाने वाले बयान भी दे चुकी हैं।