Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 04 Feb, 2025 02:18 PM
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। यह फटकार विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित न करने के कारण लगाई गई है। कोर्ट ने असम सरकार से पूछा है कि क्या वह किसी “मुहूर्त” का इंतजार कर रही है, जब इन लोगों को निर्वासित किया जाएगा। इस मामले...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को कड़ी फटकार लगाई है। यह फटकार विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित न करने के कारण लगाई गई है। कोर्ट ने असम सरकार से पूछा है कि क्या वह किसी “मुहूर्त” का इंतजार कर रही है, जब इन लोगों को निर्वासित किया जाएगा। इस मामले में उच्चतम न्यायालय ने असम सरकार को अवैध अप्रवासियों को तुरंत निर्वासित करने का निर्देश दिया है।
असम सरकार से अदालत का सवाल: क्या 'मुहूर्त' का इंतजार कर रहे हो?
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से सीधा सवाल किया है कि क्या वह उन 63 विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने के लिए किसी शुभ समय का इंतजार कर रही है। दरअसल, राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) की प्रक्रिया में असम सरकार ने विदेशी घोषित किए गए लोगों को निर्वासित करने की दिशा में कोई ठोस कदम नहीं उठाया। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार को कड़ी फटकार लगाई।
विदेशी घोषित लोगों को हिरासत में क्यों रखा गया है?
न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ ने असम सरकार से पूछा कि एक बार जब किसी व्यक्ति को विदेशी घोषित कर दिया जाता है तो उसे हिरासत में क्यों रखा गया है? क्या राज्य हमेशा इन लोगों को हिरासत में रखने की योजना बना रहा है? अदालत ने कहा कि यह स्थिति असहनीय है, और असम सरकार को चाहिए कि वह इन लोगों को जितना जल्दी हो सके निर्वासित करे।
असम सरकार की खामियां
असम सरकार ने अदालत के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि विदेशी नागरिकों के पते उनके देशों में नहीं मिल पा रहे हैं। इस पर कोर्ट ने असम सरकार को तीखा जवाब दिया। न्यायमूर्ति ओका ने कहा, "अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान से है, तो आप उसकी राजधानी तो जानते ही होंगे, आप उसे वहां भेज सकते हैं।" इसके बाद कोर्ट ने कहा कि विदेशी नागरिकों को वापस भेजने की प्रक्रिया में देरी नहीं होनी चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने असम सरकार से यह भी सवाल किया कि उसने विदेश मंत्रालय से क्यों मदद नहीं मांगी है? अदालत ने यह भी कहा कि राज्य को विदेश मंत्रालय से मदद लेनी चाहिए और इन विदेशी नागरिकों को जल्द से जल्द निर्वासित करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए।