Edited By Anu Malhotra,Updated: 10 Jan, 2025 12:12 PM
सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि बेटियों को अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए अपने माता-पिता से पैसे मांगने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जरूरत पड़ी तो बेटियां अपने माता-पिता को कानूनी रूप से बाध्य कर सकती हैं कि वे...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि बेटियों को अपनी पढ़ाई के खर्च के लिए अपने माता-पिता से पैसे मांगने का पूरा अधिकार है। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि जरूरत पड़ी तो बेटियां अपने माता-पिता को कानूनी रूप से बाध्य कर सकती हैं कि वे उनकी शिक्षा के लिए आवश्यक खर्च वहन करें। कोर्ट के इस आदेश के तहत, माता-पिता को अपनी आर्थिक स्थिति के अनुसार बेटी को शिक्षा का खर्च देने का जिम्मा उठाना होगा।
यह फैसला एक तलाक से जुड़े विवाद में दिया गया था। मामले में एक दंपत्ति 26 साल से अलग रह रहे थे और उनकी बेटी आयरलैंड में पढ़ाई कर रही थी। लड़की ने अपने पिता द्वारा उसके शिक्षा के लिए दिए गए 43 लाख रुपये लेने से इनकार कर दिया, क्योंकि वे अपनी मां को दिए जा रहे गुजारा भत्ते का हिस्सा नहीं बनाना चाहती थी।
कोर्ट ने इस मामले में कहा कि बेटी को अपनी शिक्षा जारी रखने का मौलिक अधिकार है और इसके लिए माता-पिता को अपने वित्तीय संसाधनों की सीमा के भीतर आवश्यक राशि प्रदान करने के लिए बाध्य किया जा सकता है। अदालत ने यह भी कहा कि पिता द्वारा दी गई राशि से यह साफ़ है कि वह अपनी बेटी की पढ़ाई के लिए सक्षम हैं, और बेटी को इस राशि को कानूनी रूप से प्राप्त करने का अधिकार है।
इस फैसले से पहले, जनवरी 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने एक अन्य महत्वपूर्ण निर्णय दिया था, जिसमें कहा गया था कि बिना वसीयत के मरने वाले व्यक्ति की संपत्ति में बेटी का भी समान अधिकार होगा।