सुप्रीम कोर्ट ने NEET-UG परीक्षा में ग्रेस मार्क विवाद पर फैसला सुनाया, 4 लाख से ज्यादा स्टूडेंट्स का दोबारा जारी होगा रिजल्ट

Edited By Mahima,Updated: 24 Jul, 2024 12:19 PM

supreme court gave its verdict on the grace mark dispute in neet ug exam

भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने आज NEET-UG परीक्षा में हुए विवादित फिजिक्स सवाल को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले के अनुसार, जिस छात्र ने इस सवाल का जवाब देने में विकल्प (C) को चुना था, उन्हें अब ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे।

नई दिल्ली: भारतीय सुप्रीम कोर्ट ने आज NEET-UG परीक्षा में हुए विवादित फिजिक्स सवाल को लेकर एक महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। इस फैसले के अनुसार, जिस छात्र ने इस सवाल का जवाब देने में विकल्प (C) को चुना था, उन्हें अब ग्रेस मार्क्स दिए जाएंगे। कन्फ्यूजन में जिन स्टूडेंट्स ने अलग-अलग ऑप्शन को चुना था, उनके रिजल्ट को रिवाइज किया जाएगा। चूंकि कोर्ट ने उन्हें दिए गए ग्रेस मार्क खत्म करने का फैसला किया है। इस परीक्षा के फैसले से लगभग 4.20 लाख छात्रों के रिजल्ट्स पर प्रभाव पड़ेगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने इस फैसले में कहा कि NEET-UG परीक्षा में फिजिक्स के विवादित सवाल में दो वैध विकल्पों के बीच गड़बड़ी हुई थी। इस गड़बड़ी के चलते, जिन छात्रों ने विकल्प (C) को चुना था, उन्हें अब सही माना जाएगा। इससे उनके रिजल्ट्स में पांच अंकों की कमी आ सकती है। कोर्ट ने आगे कहा, इस बात में कोई शक नहीं है कि हजारीबाग और पटना में पेपर लीक हुआ और इसका फायदा 155 छात्रों को मिला। कोर्ट ने कहा, रीनीट के परिणाम गंभीर हो सकते हैं। यह 24 लाख छात्रों और मेडिकल पढ़ाई पर असर डालेगा।

इस फैसले के परिणामस्वरूप, NEET-UG परीक्षा में टॉप करने वाले 44 छात्रों के लिए भी परिणाम पर असर पड़ेगा। कोर्ट ने इन छात्रों को पहले दिए गए ग्रेस मार्क्स को रद्द करने का फैसला किया है, जिससे उन्हें माइनस 5 मार्क्स की पेनल्टी भी भुगतनी हो सकती है। NEET-UG परीक्षा में विवादास्पद सवाल का मुद्दा इसलिए उठा, क्योंकि विभिन्न एक्सपर्टों के अनुसार इस सवाल के दोनों विकल्प सही माने जा सकते थे। इस पर केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय और एनटीए ने विवाद को सुलझाने के लिए एक विशेषज्ञ टीम की रिपोर्ट भी मांगी थी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद, NEET-UG की नई मेरिट सूची में कई बदलाव होने की सम्भावना है। छात्रों की अब नई रैंकिंग और मेरिट के आधार पर सरकारी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश होगा। इस निर्णय से जुड़े छात्रों और उनके परिवारों में विभिन्न रायें हैं। कुछ छात्रों ने इसे न्यायसंगत माना है, जबकि कुछ अन्य छात्र और उनके परिवारों को इस फैसले से असंतोष है। अब NEET-UG काउंसलिंग विभिन्न सरकारी और निजी मेडिकल कॉलेजों में प्रवेश प्रक्रिया को आगे बढ़ाने के लिए तैयारी में है। इस प्रक्रिया में शामिल स्टूडेंट्स को नए अंतिम स्कोर के आधार पर स्थान दिया जाएगा।

क्या था वो नीट पेपर में वो सवाल ?
- 1: परमाणु विद्युत रूप से तटस्थ होते हैं क्योंकि उनमें समान संख्या में धनात्मक और ऋणात्मक आवेश होते हैं ?
- 2: प्रत्येक तत्व के परमाणु स्थिर होते हैं और अपना विशिष्ट स्पेक्ट्रम उत्सर्जित करते हैं ?

ये थे विकल्प...
A- पहला सही है लेकिन दूसरा गलत है.
B- पहला गलत है लेकिन दूसरा सही है.
C- पहला और दूसरा दोनों कथन सही हैं.
D- दोनों कथन गलत हैं.

बता दें कि जब आंसर की जारी की गई तो NEET वेबसाइट ने विकल्प (A) को सही जवाब के रूप में दिखाया। हालांकि, कई छात्रों ने NCERT के ओल्ड वर्जन में दी गई जानकारी के आधार पर आंसर की का विरोध किया। यानी ओल्ड वर्जन के अनुसार दोनों कथन सही थे। इसलिए इस तर्क के आधार पर NTA ने उन छात्रों को ग्रेस मार्क दे दिए, जिन्होंने अपने जवाब में विकल्प (C) को चुना था।

 

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