Supreme Court को मिले दो नए जज, CJI ने दिलाई शपथ, पूर्ण हुई न्यायाधीशों की संख्या

Edited By Utsav Singh,Updated: 18 Jul, 2024 02:12 PM

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जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन. कोटिश्वर सिंह ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली और वह मणिपुर से सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले पहले न्यायाधीश बन गए हैं।

नेशनल डेस्क : जम्मू कश्मीर उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश एन. कोटिश्वर सिंह ने बृहस्पतिवार को उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश पद की शपथ ली और वह मणिपुर से सर्वोच्च न्यायालय में पदोन्नत होने वाले पहले न्यायाधीश बन गए हैं। मद्रास उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश आर. महादेवन ने भी उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। भारत के प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) डी वाई चंद्रचूड़ ने यहां उच्चतम न्यायालय परिसर में हुए एक समारोह में दोनों न्यायाधीशों को पद की शपथ दिलायी। इसके साथ ही अब उच्चतम न्यायालय में सीजेआई समेत न्यायाधीशों की संख्या 34 हो गयी है जो कि पूर्ण है।

CJI चंद्रचूड़ इस साल 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे
उच्चतम न्यायालय में 1 सितंबर 2024 को न्यायमूर्ति हिमा कोहली के सेवानिवृत्त होने तक 34 न्यायाधीश काम करेंगे। इसके बाद सीजेआई चंद्रचूड़ इस साल 10 नवंबर को सेवानिवृत्त होंगे। न्यायमूर्ति ए एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति अनिरुद्ध बोस के सेवानिवृaत्त होने के बाद दो पद रिक्त हो गए हैं। केंद्र ने 16 जुलाई को उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम की सिफारिश को स्वीकृति दे दी थी। सीजेआई की अध्यक्षता वाली 5 सदस्यीय कॉलेजियम ने 11 जुलाई को केंद्र से दोनों न्यायाधीशों को उच्चतम न्यायालय में पदोन्नत करने की सिफारिश की थी।

न्यायमूर्ति सिंह को 2011 में गौहाटी HC का न्यायाधीश बने 
उच्चतम न्यायालय कॉलेजियम ने 11 जुलाई को इन दोनों नामों की सिफारिश करते हुए कहा था, ‘‘उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश के रूप में उनकी नियुक्ति से पूर्वोत्तर को प्रतिनिधित्व मिलेगा और विशेष रूप से वह मणिपुर राज्य से शीर्ष अदालत के न्यायाधीश नियुक्त होने वाले पहले न्यायाधीश होंगे।'' न्यायमूर्ति सिंह को अक्टूबर 2011 में गौहाटी उच्च न्यायालय का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था। मणिपुर उच्च न्यायालय के गठन के बाद उन्हें वहां स्थानांतरित कर दिया गया। फरवरी 2023 में उन्हें जम्मू कश्मीर और लद्दाख उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया और वह 65 वर्ष की आयु प्राप्त करने पर फरवरी 2028 में सेवानिवृत्त होंगे।

न्यायमूर्ति महादेवन तमिलनाडु के एक पिछड़े समुदाय से हैं
न्यायमूर्ति महादेवन की उच्चतम न्यायालय में पदोन्नति के लिए सिफारिश करते समय, कॉलेजियम ने कहा था कि न्यायमूर्ति महादेवन तमिलनाडु राज्य के एक पिछड़े समुदाय से हैं और उनकी नियुक्ति से शीर्ष अदालत की पीठ में विविधता आएगी। उसने कहा था, ‘‘कॉलेजियम ने इस तथ्य पर उचित संज्ञान लिया है कि न्यायमूर्ति महादेवन मद्रास उच्च न्यायालय के वर्तमान न्यायाधीशों की सूची में तीसरे स्थान पर हैं, जिनमें वे न्यायाधीश भी शामिल हैं जिन्हें मद्रास उच्च न्यायालय के बाहर मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया है।'' इसमें कहा गया है, ‘‘इस स्तर पर कॉलेजियम ने पिछड़े समुदाय को प्रतिनिधित्व देने के लिए न्यायमूर्ति महादेवन की उम्मीदवारी को प्राथमिकता दी है।'' न्यायमूर्ति महादेवन का जन्म 10 जून 1963 को हुआ था और वह जून 2028 में सेवानिवृत्त होंगे। 

 

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