Edited By Mahima,Updated: 03 Dec, 2024 10:54 AM
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सख्त रुख अपनाते हुए ग्रेप-4 को जारी रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने AQI में सुधार न होने तक कोई रियायत नहीं देने की बात की। कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को वीडियो...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को दिल्ली-NCR में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के मामले में सरकारों को कड़ी फटकार लगाते हुए ग्रेप-4 (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) को लागू रखने का आदेश दिया। कोर्ट ने कहा कि जब तक एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) में लगातार सुधार नहीं होता, तब तक ग्रेप-4 लागू रहेगा। कोर्ट इस मामले की अगली समीक्षा 5 दिसंबर को करेगा।
दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण के बढ़ते स्तर पर सख्त रुख
सुप्रीम कोर्ट की बेंच, जिसमें जस्टिस अभय एस. ओका और जस्टिस एजी मसीह शामिल थे, ने दिल्ली पुलिस और अन्य सरकारी एजेंसियों के बीच तालमेल की कमी पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रदूषण रोकने के उपायों पर निगरानी रखने के लिए तैनात कोर्ट कमिश्नरों को सुरक्षा दी जाए, क्योंकि उन्हें धमकियां मिल रही थीं। कोर्ट ने पुलिस को इन कमिश्नरों को सुरक्षा मुहैया कराने का निर्देश दिया।
निर्माण कार्य पर रोक
कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर में निर्माण कार्यों पर प्रतिबंध लगाने के कारण बेरोजगार हुए निर्माण श्रमिकों को भत्ता नहीं दिए जाने के मामले में संबंधित राज्यों को फटकार लगाई। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आदेश स्पष्ट था, लेकिन इसके बावजूद भत्ता नहीं दिया गया। इस मामले में कोर्ट ने दिल्ली और एनसीआर राज्यों के मुख्य सचिवों को 5 दिसंबर को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से अगली सुनवाई में उपस्थित होने का आदेश दिया।
AQI में सुधार के बिना कोई रियायत नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए लागू ग्रेप-4 के तहत किए गए प्रतिबंधों में किसी भी तरह की रियायत देने पर भी रोक लगाई। कोर्ट ने कहा कि AQI स्तर में सुधार नजर आने तक कोई छूट नहीं दी जा सकती। कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में ताजा आंकड़े देखकर इस पर विचार किया जाएगा।
कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट पर नाराजगी
कोर्ट ने दिल्ली सरकार, एमसीडी और दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण कमेटी जैसे विभिन्न सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय की कमी पर भी नाराजगी जताई। कोर्ट कमिश्नरों की रिपोर्ट में यह चौंकाने वाली बात सामने आई कि इन एजेंसियों के बीच तालमेल का भारी अभाव है, जिससे प्रदूषण नियंत्रण में कठिनाई हो रही है।