Edited By Mahima,Updated: 11 Nov, 2024 03:27 PM
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पटाखों पर बैन को केवल दीवाली तक सीमित रखने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने शादियों, चुनावों और अन्य आयोजनों में भी पटाखों के इस्तेमाल पर कार्रवाई करने को कहा और पूरे साल बैन लगाने की सलाह दी। दिल्ली पुलिस को तुरंत कार्रवाई...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली पुलिस से कड़ा सवाल किया और पटाखों पर दीवाली के दौरान ही बैन लगाए जाने पर नाराजगी जताई। सुप्रीम कोर्ट ने यह सवाल उठाया कि क्या केवल दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन लगाना पर्याप्त है, जबकि शादियों, चुनावों और अन्य अवसरों पर भी पटाखों का धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है। कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से यह सवाल भी किया कि वह इन आयोजनों में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर क्या कार्रवाई कर रही है। इसके साथ ही, कोर्ट ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को कई निर्देश भी दिए और पटाखों पर बैन को प्रभावी बनाने के लिए ठोस कदम उठाने की आवश्यकता जताई।
दिल्ली पुलिस से सुप्रीम कोर्ट के गंभीर सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन केवल एक दिखावा है और यह प्रदूषण की समस्या का स्थायी समाधान नहीं है। कोर्ट ने पूछा, "क्या किसी को प्रदूषण फैलाने का मौलिक अधिकार है?" इस सवाल के माध्यम से कोर्ट ने यह सिद्ध करने की कोशिश की कि प्रदूषण एक गंभीर समस्या है और इसका समाधान केवल एक दिन के बैन से नहीं हो सकता। कोर्ट ने यह भी कहा कि पटाखों पर बैन को पूरे साल के लिए लागू किया जाना चाहिए, न कि सिर्फ दीवाली के दौरान। सुप्रीम कोर्ट ने कहा, "पटाखों पर बैन सिर्फ आईवॉश (साफ़ सुथरी छवि का दिखावा) है।" इसके बाद, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस से पूछा कि क्या वह यह दावा कर रही है कि दिल्ली में पटाखों पर प्रतिबंध पूरी तरह से लागू किया गया है। कोर्ट ने पूछा कि क्या पुलिस ने पटाखों की बिक्री और उपयोग पर कार्रवाई की है, और क्या उन्होंने जो पटाखे जब्त किए हैं, वे सिर्फ कच्चा माल थे या असली पटाखे थे?
शादियों, चुनावों और अन्य आयोजनों में पटाखों पर कार्रवाई का सवाल
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी पूछा कि शादियों और चुनावों के दौरान पटाखों का इस्तेमाल होने पर दिल्ली पुलिस ने क्या कदम उठाए हैं। कोर्ट ने यह कहा कि सिर्फ दीवाली के दौरान पटाखों पर बैन लगाने का कोई मतलब नहीं है, क्योंकि साल भर में कई ऐसे मौके होते हैं जब लोग पटाखे जलाते हैं, और पुलिस ने उन घटनाओं में क्या कार्रवाई की है, यह सवाल उठाया। कोर्ट ने कहा, "पटाखों पर प्रतिबंध पूरे साल होना चाहिए, और दिल्ली पुलिस को इसे लागू करने के लिए कदम उठाने होंगे।" सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण फैलाने का कोई भी धर्म समर्थन नहीं करता है और यह लोगों के स्वास्थ्य के अधिकार का उल्लंघन है। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए केवल एक दिन के प्रतिबंध से काम नहीं चलेगा। दिल्ली सरकार और पुलिस को पूरे साल इस पर काम करना होगा और इसे कड़ाई से लागू करना होगा।
दिल्ली पुलिस को दिए गए आदेश
सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पुलिस कमिश्नर को निर्देश देते हुए कहा कि पटाखों पर बैन को प्रभावी बनाने के लिए एक विशेष टास्क फोर्स (Special Task Force) का गठन किया जाए। कोर्ट ने पुलिस को यह आदेश भी दिया कि पटाखों की ऑनलाइन बिक्री पर कड़ी निगरानी रखी जाए और इसे तुरंत बंद किया जाए। कोर्ट ने कहा, "क्या दिल्ली पुलिस यह दावा कर रही है कि पटाखों पर प्रतिबंध पूरी तरह से लागू किया गया है? क्या पुलिस ने पटाखों की बिक्री पर कार्रवाई की है?" इसके साथ ही, कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को निर्देश दिया कि वह सभी क्षेत्रों में पटाखों के निर्माण, बिक्री और उपयोग पर कड़ी निगरानी रखे और इस संबंध में प्रभावी कदम उठाए। कोर्ट ने यह भी कहा कि पुलिस को यह सुनिश्चित करना होगा कि पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूरी तरह से नियंत्रण हो और अगर कोई उल्लंघन हो तो उसे तुरंत पकड़ा जाए।
प्रदूषण और स्वास्थ्य पर असर
सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण को लेकर अपनी गंभीर चिंता जाहिर की और कहा कि यह केवल पर्यावरण का मुद्दा नहीं, बल्कि लोगों के स्वास्थ्य से जुड़ा हुआ मामला है। कोर्ट ने यह कहा कि जब प्रदूषण की समस्या बढ़ती है, तो इसका असर सीधे तौर पर लोगों के स्वास्थ्य पर पड़ता है। कोर्ट ने यह भी कहा कि प्रदूषण किसी भी धर्म का नहीं होता, यह सभी के लिए खतरे का कारण बनता है और इसलिए इस पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं किया जा सकता है। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से यह भी अपील की कि वह पटाखों पर बैन को पूरे साल लागू करने पर विचार करे और इसके लिए ठोस कदम उठाए। इस तरह से, कोर्ट ने प्रदूषण के मामलों में सरकार और पुलिस की भूमिका को और सख्त किया।
दिल्ली में पटाखों के बैन का प्रभाव
सुप्रीम कोर्ट के इस आदेश से यह स्पष्ट हो गया कि दिल्ली में पटाखों पर बैन को और कड़ा किया जाएगा और यह बैन सिर्फ दीवाली तक सीमित नहीं रहेगा। दिल्ली पुलिस और राज्य सरकार को इस मामले में कार्रवाई के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए गए हैं। अब दिल्ली में पटाखों की बिक्री और उपयोग पर निगरानी रखने के लिए और सख्त कदम उठाए जाएंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए यह कदम जरूरी हैं, क्योंकि दीवाली के दौरान ही नहीं, बल्कि अन्य त्योहारों, शादियों और चुनावों के दौरान भी प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप, लोगों की सेहत पर गंभीर असर पड़ता है, खासकर बच्चों, बुजुर्गों और सांस की बीमारियों से ग्रस्त लोगों को इससे ज्यादा समस्या होती है।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश दिल्ली पुलिस और राज्य सरकार के लिए एक महत्वपूर्ण संदेश है कि प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए केवल दिखावटी कदमों से काम नहीं चलेगा। यह एक गंभीर समस्या है, जो लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालती है। प्रदूषण की समस्या का समाधान पूरे साल की नीति से ही संभव है, न कि केवल एक त्योहार तक सीमित प्रतिबंध से। दिल्ली पुलिस और सरकार को अब पूरी सख्ती से पटाखों पर बैन को लागू करना होगा और प्रदूषण को कम करने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।