Edited By Harman Kaur,Updated: 21 Sep, 2024 03:46 PM
उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शुरू की गई कार्यवाही संबंधी उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीति में आप ‘‘हर बात दिल पर नहीं'' ले सकते। मुरुगन ने पिछले...
नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) ने केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण राज्य मंत्री एल. मुरुगन के खिलाफ आपराधिक मानहानि मामले में शुरू की गई कार्यवाही संबंधी उनकी याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि राजनीति में आप ‘‘हर बात दिल पर नहीं'' ले सकते। मुरुगन ने पिछले साल शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाकर मद्रास उच्च न्यायालय के पांच सितंबर, 2023 के आदेश को चुनौती दी थी।
मद्रास उच्च न्यायालय ने दिसंबर 2020 में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान मुरुगन के कथित मानहानिकारक बयानों को लेकर चेन्नई स्थित ‘मुरासोली ट्रस्ट' द्वारा दायर शिकायत पर उनके खिलाफ कार्यवाही को रद्द करने से इनकार कर दिया था। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 27 सितंबर को उनकी याचिका पर सुनवाई करने पर सहमति जताते हुए चेन्नई की एक विशेष अदालत में मुरुगन के खिलाफ लंबित कार्यवाही पर रोक लगा दी थी। पीठ ने उनकी याचिका पर मुरासोली ट्रस्ट से भी जवाब मांगा था। यह मामला जब शुक्रवार को न्यायमूर्ति बी.आर. गवई और न्यायमूर्ति के.वी. विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया तो मुरुगन की ओर से पेश वकील ने कहा, ‘‘इस मामले में मानहानि का सवाल ही कहां है?'' ट्रस्ट की ओर से पेश वकील ने मामले की सुनवाई स्थगित किए जाने का अनुरोध किया।
पीठ ने कहा, ‘‘राजनीति में आप हर बात दिल पर नहीं ले सकते।'' उच्चतम न्यायालय ने कहा, ‘‘प्रतिवादी के वकील के अनुरोध पर चार सप्ताह बाद सुनवाई होगी।'' मुरुगन ने अपने खिलाफ कार्यवाही को चुनौती देते हुए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था। उच्च न्यायालय ने अपने आदेश में कहा था कि ट्रस्ट के अनुसार, मुरुगन ने ‘‘आम जनता की नजर में मुरासोली ट्रस्ट की प्रतिष्ठा को खराब करने और धूमिल करने के एक परोक्ष उद्देश्य से'' बयान दिया था।