Edited By Parveen Kumar,Updated: 22 Nov, 2024 05:18 PM
उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 25 नवंबर को इस बात पर विचार करेगा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में गिरावट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदूषण को काबू करने के लिए लगाए गए ‘ग्रैप-4' प्रतिबंधों में...
नेशनल डेस्क : उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को कहा कि वह 25 नवंबर को इस बात पर विचार करेगा कि वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) के स्तर में गिरावट को देखते हुए दिल्ली-एनसीआर (राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र) में प्रदूषण को काबू करने के लिए लगाए गए ‘ग्रैप-4' प्रतिबंधों में ढील दी जाए या नहीं। न्यायमूर्ति अभय एस ओका और न्यायमूर्ति ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की पीठ ने ‘ग्रैप-4' प्रतिबंधों, विशेष रूप से दिल्ली में गैर-जरूरी सामान ले जाने वाले ट्रकों के प्रवेश को प्रतिबंधित करने से संबंधित प्रतिबंध के खराब कार्यान्वयन पर नाराजगी व्यक्त की। पहली बार 2017 में लागू की गई चरणबद्ध प्रतिक्रिया कार्य योजना (ग्रैप) स्थिति की गंभीरता के अनुसार राजधानी और इसके आसपास के क्षेत्र में वायु प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए जाने वाले कदमों के बारे में बताती है।
ग्रैप के तहत दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को चार अलग-अलग चरणों में वर्गीकृत किया गया है: पहला चरण - ‘खराब' (एक्यूआई 201-300), दूसरा चरण - ‘बहुत खराब' (एक्यूआई 301-400), तीसरा चरण - ‘गंभीर' (एक्यूआई 401-450) और चौथा चरण- ‘अत्यंत गंभीर' (एक्यूआई 450 से ऊपर)। न्यायालय ने शुक्रवार को 13 वकीलों को ‘कोर्ट कमिश्नर' नियुक्त किया जो दिल्ली के विभिन्न प्रवेश स्थलों का दौरा करेंगे और यह पता लगाएंगे कि ट्रकों के प्रवेश पर प्रतिबंध लागू किया गया है या नहीं। अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने पीठ को बताया कि पिछले दो दिन में प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है और एक्यूआई स्तर अब ग्रैप-2 स्तर के अंतर्गत है। शुक्रवार को दिल्ली में समग्र एक्यूआई 373 दर्ज किया गया जो ‘‘बहुत खराब'' श्रेणी में आता है।
न्यायालय ने प्रदूषण में चिंताजनक वृद्धि रोकने के लिए कड़े कदम उठाने में विलंब पर नाराजगी जाहिर करते हुए 18 नवंबर को दिल्ली-एनसीआर राज्यों को ग्रैप-4 के तहत प्रतिबंध लागू करने के लिए तुरंत टीम गठित करने का निर्देश दिया था और कहा था कि अगला आदेश दिए जाने तक ये प्रतिबंध लागू रहेंगे। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ को बताया गया कि ग्रैप-4 के तहत लागू प्रतिबंधों का भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। पीठ ने कहा, ‘‘ग्रैप-4 के परिणाम बहुत गंभीर हैं और इसका समाज के कई वर्गों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।'' उसने कहा कि इसलिए शीर्ष अदालत 25 नवंबर को यह निर्णय लेगी कि ग्रैप-4 के तहत लगाए गए प्रतिबंधों में ढील दी जाएगी या नहीं।
उसने राष्ट्रीय राजधानी में प्रवेश करने वाले ट्रकों के कारण हो रहे प्रदूषण के मुद्दे पर भी बात की तथा ग्रैप-4 के तहत लागू प्रतिबंधों के खराब क्रियान्वयन के लिए दिल्ली सरकार से सवाल किए। पीठ ने कहा, ‘‘हमारे लिए यह मान लेना बहुत मुश्किल है कि दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोक दिया गया है।'' दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने पीठ को बताया कि राष्ट्रीय राजधानी में कुल 113 प्रवेश स्थल हैं जिनमें से 13 ट्रकों के लिए हैं। न्यायालय ने केंद्र और दिल्ली पुलिस को सभी 113 प्रवेश स्थलों पर जांच चौकियों की स्थापना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। न्यायालय दिल्ली-राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में वायु प्रदूषण से संबंधित मामले पर सुनवाई कर रहा है।