Edited By Rahul Rana,Updated: 22 Dec, 2024 04:23 PM
सूरत के एक युवक ने तीन अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में लगभग 15 लाख रुपये गंवा दिए। इस पूरे मामले में युवक को पहले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के जाल में फंसा गया और फिर इसके बाद लीगल एक्सपर्ट के नाम पर ठगी की गई। इसके बाद वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर भी...
नेशनल डेस्क। सूरत के एक युवक ने तीन अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में लगभग 15 लाख रुपये गंवा दिए। इस पूरे मामले में युवक को पहले ऑनलाइन शेयर ट्रेडिंग के जाल में फंसा गया और फिर इसके बाद लीगल एक्सपर्ट के नाम पर ठगी की गई। इसके बाद वर्क फ्रॉम होम का झांसा देकर भी उसे भारी नुकसान उठाना पड़ा।
कैसे हुआ पहला ठगी का शिकार?
अजय कुमार (31) जो सूरत के शादीपुर इलाके में रहते हैं और एक कंपनी में अकाउंटेंट हैं 23 अप्रैल 2024 को टेलिग्राम पर एक मेसेज आया। इस मेसेज में एक व्यक्ति ने खुद को अपस्टोक्स सिक्योरिटीज इंडिया का चीफ इनवेस्टमेंट ऑफिसर बताया। उसे शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने के लिए एक लिंक भेजा गया। लिंक पर क्लिक करते ही एक ऐप खुला जिसे अजय ने अपने फोन पर डाउनलोड किया। इसके बाद उन्हें दो वॉट्सऐप ग्रुप्स में जोड़ा गया जहां ग्रुप मेंबर्स अपने लाभ के स्क्रीनशॉट शेयर कर रहे थे। इनमे कुछ लोग उच्च मुनाफे का दावा कर रहे थे।
अजय को भी इस बात का लालच हुआ और वह शेयर ट्रेडिंग में निवेश करने लगे। पहले तो उन्हें कुछ मुनाफा हुआ लेकिन जब अजय ने अपने पैसे वापस निकालने की कोशिश की तो उन्हें सर्वर इश्यू का बहाना बताया गया। फिर उन्हें एक और लिंक भेजकर एक नया ऐप डाउनलोड करने के लिए कहा गया जिसमें उच्च मूल्य वाले शेयरों में निवेश का लालच दिया गया। इस बार उनका मार्जिन 2 लाख 13 हजार रुपये तक पहुंच गया था लेकिन जैसे ही उन्होंने पैसे निकालने की कोशिश की उन्हें फिर से सर्वर इश्यू और नया आईपीओ में निवेश करने का सुझाव दिया गया।
अजय ने कुल मिलाकर 7 लाख रुपये निवेश किए लेकिन जब उन्होंने पैसे निकालने के लिए संपर्क किया तो उनके सारे नंबर ब्लॉक कर दिए गए। उन्हें समझ में आया कि वह ठगी का शिकार हो गए हैं और उन्होंने साइबर क्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल (NCRP) पर अपनी शिकायत दर्ज कराई।
दूसरी बार ठगी का शिकार कैसे हुए?
ठगी का अहसास होने के बाद अजय ने इंटरनेट पर साइबर फ्रॉड से संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए सर्च किया। उन्हें एक वेबसाइट मिली जो कंज्यूमर कंप्लेंट्स के बारे में जानकारी देती थी। वहां एक फॉर्म भरने के बाद एक लैंडलाइन नंबर से कॉल आई और कॉल करने वाली लड़की ने खुद को एडवोकेट बताते हुए उनकी ई-मेल आईडी ली। 2 अगस्त 2024 को उसे एक ई-मेल भेजा गया जिसमें ठगी से जुड़ी जानकारी दी गई। इसके बाद एक और लड़की ने खुद को लीगल हेड बताते हुए बात की और दोनों मिलकर अजय से कुल 91 हजार 792 रुपये ऐंठ लिए।
तीसरी बार ठगी का शिकार: वर्क फ्रॉम होम का झांसा
इसके बाद अजय को टेलिग्राम पर दिव्या शर्मा नाम की एक लड़की का मेसेज आया जिसमें वर्क फ्रॉम होम से कमाई करने का दावा किया गया। मेसेज में कहा गया था कि बिना किसी निवेश के होटल और फेमस जगहों के रिव्यू कर पैसे कमाए जा सकते हैं। अजय ने काम शुरू किया और हर रिव्यू पर 50 रुपये मिलने लगे।
धीरे-धीरे दिव्या ने अजय को ज्यादा पैसे कमाने के लिए प्री-पेड टास्क करने के लिए कहा। जैसे ही अजय ने टास्क पूरे किए दिव्या ने उसे पैसे निकालने के लिए और रकम ट्रांसफर करने के लिए कहा। इस झांसे में फंसने के बाद अजय ने 7 लाख 12 हजार रुपये और गंवा दिए।
अब तक हुई ठगी की कुल रकम
अजय कुमार ने तीन ठगी की घटनाओं में कुल 15 लाख रुपये गंवा दिए। पहले शेयर ट्रेडिंग के जरिए 7 लाख रुपये फिर लीगल एक्सपर्ट के नाम पर 91 हजार रुपये और अंत में वर्क फ्रॉम होम के झांसे में 7 लाख 12 हजार रुपये।
वहीं यह पूरी घटना यह दिखाती है कि कैसे साइबर ठग नए-नए तरीके अपनाकर लोगों को अपनी जाल में फंसा लेते हैं। अजय कुमार की तरह कई लोग इस तरह के साइबर फ्रॉड का शिकार हो रहे हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि किसी भी ऑनलाइन प्लेटफार्म से जुड़ने से पहले पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए और किसी भी संदिग्ध लिंक या टास्क से दूर रहना चाहिए। बता दें कि साइबर क्राइम से बचने के लिए साइबर सुरक्षा के उपायों को समझना और उसे अपनाना बहुत जरूरी है।