Edited By Parminder Kaur,Updated: 07 Feb, 2025 12:04 PM
नैमिषारण्य स्थित नारदानंद आश्रम के जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वे आश्रम के पीठाधीश्वर के रूप में सेवारत थे। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
नेशनल डेस्क. नैमिषारण्य स्थित नारदानंद आश्रम के जगदाचार्य स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती का गुरुवार देर रात निधन हो गया। वे आश्रम के पीठाधीश्वर के रूप में सेवारत थे। उनके निधन की खबर से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई।
वेद-पुराणों के ज्ञाता थे स्वामी जी
स्वामी देवेंद्रानंद सरस्वती को वेद और पुराणों का गहरा ज्ञान था। वे एक बहुभाषाविद थे और धर्मशास्त्रों के महान ज्ञाता माने जाते थे। आश्रम की शिक्षा सुधार समिति के उप मंत्री शांति देव त्रिपाठी ने बताया कि स्वामी जी ने आश्रम में ही अंतिम सांस ली।
श्रद्धांजलि देने उमड़े अनुयायी
नैमिषारण्य 88 हजार ऋषियों की तपोस्थली माना जाता है। वहां स्थित नारदानंद आश्रम में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। दूर-दूर से उनके अनुयायी अंतिम दर्शन के लिए पहुंच रहे हैं।
धार्मिक जगत को अपूरणीय क्षति
स्वामी जी के निधन से न केवल धार्मिक जगत बल्कि पूरे समाज को एक अपूरणीय क्षति हुई है। वे आध्यात्मिक और धार्मिक ज्ञान के प्रकाश स्तंभ थे। उनके जाने से संत समाज में गहरा शोक व्याप्त है।