Edited By Radhika,Updated: 17 Feb, 2025 12:17 PM
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दिल्ली-NCR में ठंड का असर अब कम होने लगा है और तापमान में उतार-चढ़ाव से गर्मी का अहसास होने लगा है। दिल्ली-NCR समेत उत्तर और पश्चिमी भारत में फिर से ठंड बढ़ सकती है। इसका कारण एक और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ है, जो सक्रिय होने वाला है।
नेशनल डेस्क: दिल्ली-NCR में ठंड का असर अब कम होने लगा है और तापमान में उतार-चढ़ाव से गर्मी का अहसास होने लगा है। दिल्ली-NCR समेत उत्तर और पश्चिमी भारत में फिर से ठंड बढ़ सकती है। इसका कारण एक और मजबूत पश्चिमी विक्षोभ है, जो सक्रिय होने वाला है। इसका असर पहाड़ी और मैदानी राज्यों में दिखाई देगा। इस वेस्टर्न डिस्टर्बेंस के कारण पहाड़ी राज्यों में बारिश और बर्फबारी हो सकती है।
18 राज्यों में हो सकती है बारिश-
दिल्ली-NCR समेत करीब 18 राज्यों में अगले कुछ दिनों में बारिश हो सकती है। आज सुबह जम्मू-कश्मीर के बांदीपोरा जिले की गुरेज घाटी में ताजा बर्फबारी हुई है, जिसका वीडियो भी सामने आया है। पिछले 2 दिनों से चंडीगढ़ में मौसम खराब है, जहां परसो बारिश हुई और कल दिनभर बादल छाए रहे। दिल्ली-NCR में पिछले 15 दिनों से सुबह-शाम सर्द हवाएं चल रही हैं। अब आइए जानते हैं कि अगले 7 दिन, यानी 24 फरवरी तक, दिल्ली-NCR और पूरे देश में मौसम कैसा रहेगा।
दिल्ली-NCR में कैसा रहेगा मौसम-
IMD के अनुसार, दिल्ली और नोएडा में पश्चिमी विक्षोभ के सक्रिय होने से 18 फरवरी को हलके बादल छा सकते हैं। 19 फरवरी को हल्की बारिश हो सकती है, और 21 फरवरी को भी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही 20-25 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं भी चल सकती हैं। दिल्ली में 17 फरवरी को सुबह का अधिकतम तापमान 26.57°C था। हवा में 17% नमी है और हवा की गति 17 किलोमीटर प्रति घंटा रही। सूरज सुबह 6:58 बजे उगकर शाम 6:12 बजे अस्त होगा। पिछले दिन, दिल्ली में अधिकतम तापमान 28.6°C और न्यूनतम तापमान 11.2°C दर्ज किया गया।
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देश में ताजा मौसम की स्थिति-
IMD के अनुसार, पश्चिमी हवाओं के साथ एक पश्चिमी विक्षोभ समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर ऊपर सक्रिय है। हरियाणा और आस-पास के क्षेत्रों में समुद्र तल से 1.5 किलोमीटर ऊपर एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन सक्रिय है। उत्तर-पश्चिम भारत के मैदानी इलाकों में समुद्र तल से 12.6 किलोमीटर ऊपर तेज हवाएं बह रही हैं, जो पूर्व की ओर 110-120 समुद्री मील (203 किलोमीटर प्रति घंटे) की रफ्तार से चल रही हैं। 18 फरवरी की रात को एक नया पश्चिमी विक्षोभ पश्चिमी हिमालय क्षेत्र को प्रभावित कर सकता है। इसके अलावा, एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन पूर्वोत्तर असम और निचले स्तर पर सक्रिय है।