Swiggy, Zomato, Blinkit से 3 करोड़ दुकानदारों का भविष्य मुश्किल में... CAIT ने जारी किया श्वेत पत्र

Edited By Parveen Kumar,Updated: 13 Nov, 2024 06:44 PM

swiggy zomato blinkit pose a problem for 3 crore shopkeepers

दुकानदारों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज एक श्वेत पत्र जारी कर ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, जेप्टो, स्विगी जैसे क्विक कॉमर्स (QC) प्लेटफॉर्म्स की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की।

नेशनल डेस्क : दुकानदारों के संगठन कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने आज एक श्वेत पत्र जारी कर ब्लिंकिट, इंस्टामार्ट, जेप्टो, स्विगी जैसे क्विक कॉमर्स (QC) प्लेटफॉर्म्स की कार्यप्रणाली पर गंभीर चिंता व्यक्त की। CAIT का कहना है कि ये प्लेटफॉर्म्स भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा रहे हैं और छोटे खुदरा विक्रेताओं को बाजार से बाहर धकेल रहे हैं।

CAIT के राष्ट्रीय महामंत्री और चांदनी चौक के बीजेपी सांसद प्रवीन खंडेलवाल ने आरोप लगाया कि ये प्लेटफॉर्म्स एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) का गलत तरीके से इस्तेमाल कर रहे हैं। उनका कहना है कि इन प्लेटफॉर्म्स का उद्देश्य सप्लायर्स पर नियंत्रण, इन्वेंटरी पर प्रभुत्व और अनुचित मूल्य निर्धारण करना है। इससे छोटे खुदरा दुकानदारों के लिए अपना व्यापार चलाना मुश्किल हो गया है। उन्होंने कहा कि इससे एक असमान बाजार बन गया है, जहां 3 करोड़ छोटे किराना स्टोर्स के लिए टिक पाना लगभग नामुमकिन हो गया है।

श्वेत पत्र में क्या कहा गया?

CAIT ने श्वेत पत्र में दावा किया है कि QC प्लेटफॉर्म्स एफडीआई नीति और भारत के प्रतिस्पर्धा कानून का उल्लंघन कर रहे हैं। इन प्लेटफॉर्म्स की पारदर्शिता की कमी और अनुचित प्रथाएं छोटे व्यापारियों को नुकसान पहुंचा रही हैं, जिससे पूरे खुदरा इकोसिस्टम पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। CAIT ने सरकार और रेगुलेटरी संस्थाओं से अपील की है कि वे इन प्लेटफॉर्म्स की गतिविधियों की निगरानी करें और छोटे व्यापारियों के हितों की रक्षा करें।

एफडीआई का दुरुपयोग

CAIT का आरोप है कि QC प्लेटफॉर्म्स में ₹54,000 करोड़ से अधिक का एफडीआई है, लेकिन इस पैसे का इस्तेमाल बुनियादी ढांचे के निर्माण या दीर्घकालिक निवेश में नहीं किया गया। इसके बजाय, यह पैसे प्लेटफॉर्म्स अपने संचालन में होने वाले घाटे को भरने, आपूर्ति श्रृंखला पर नियंत्रण बनाने और कुछ चुनिंदा विक्रेताओं के माध्यम से अनुचित छूट देने के लिए उपयोग कर रहे हैं। इस रणनीति ने इन प्लेटफॉर्म्स को वह बाजार हिस्सा हासिल करने में मदद की है, जो पहले किराना स्टोर्स के पास था, और इससे छोटे व्यापारियों के सामने अस्तित्व का संकट खड़ा हो गया है।

नियामक हस्तक्षेप की मांग

CAIT ने इन प्लेटफॉर्म्स को जवाबदेह ठहराने के लिए तत्काल नियामक हस्तक्षेप की मांग की है। उनका कहना है कि विदेशी पूंजी से संचालित ये प्लेटफॉर्म्स भारत के खुदरा व्यवसाय के लिए एक बड़ा खतरा बनते जा रहे हैं। CAIT ने सरकार से उपभोक्ता संरक्षण (ई-कॉमर्स) नियमों के तहत सख्त निगरानी करने और QC प्लेटफॉर्म्स को अधिक जिम्मेदारी के साथ संचालित करने की अपील की है ताकि छोटे व्यापारियों का अस्तित्व बच सके और भारत की खुदरा अर्थव्यवस्था मजबूत रहे।

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