Edited By Parveen Kumar,Updated: 13 Dec, 2024 09:03 PM
स्विट्जरलैंड ने भारत को दिया गया सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है। यह फैसला नेस्ले के एक मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया। स्विट्जरलैंड के इस कदम से वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।
इंटरनेशनल डेस्क : स्विट्जरलैंड ने भारत को दिया गया सबसे पसंदीदा राष्ट्र (MFN) का दर्जा वापस ले लिया है। यह फैसला नेस्ले के एक मामले में भारतीय सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लिया गया। स्विट्जरलैंड के इस कदम से वहां काम करने वाली भारतीय कंपनियों पर कर का बोझ बढ़ेगा।
स्विट्जरलैंड ने घोषणा की है कि 1 जनवरी, 2025 से भारतीय कंपनियों द्वारा अर्जित लाभांश पर 10% कर लगाया जाएगा। अब तक भारतीय कंपनियां इस कर से राहत पा रही थीं। स्विट्जरलैंड ने बताया कि यह फैसला भारत और स्विट्जरलैंड के बीच दोहरे कराधान से बचने के समझौते (DTAA) के MFN प्रावधान को निलंबित करने के कारण लिया गया है।
नेस्ले का मुख्यालय स्विट्जरलैंड के वेवे में है, और इस फैसले का आधार इसी कंपनी से जुड़ा विवाद है। अब इस कदम से भारतीय संस्थाओं को स्विट्जरलैंड में काम करना महंगा पड़ेगा।