Edited By Rohini,Updated: 05 Jan, 2025 12:19 PM
हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में दिल का दौड़ा पड़ने पर लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं? हालांकि दिल की बीमारियां आमतौर पर पुरुषों में ज्यादा पाई जाती हैं लेकिन एक उम्र के बाद...
नेशनल डेस्क। हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण सीने में दर्द माना जाता है लेकिन क्या आप जानते हैं कि महिलाओं में दिल का दौड़ा पड़ने पर लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग हो सकते हैं? हालांकि दिल की बीमारियां आमतौर पर पुरुषों में ज्यादा पाई जाती हैं लेकिन एक उम्र के बाद महिलाएं भी इन बीमारियों की चपेट में आ सकती हैं। खास बात यह है कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में काफी अलग होते हैं जिससे कई बार इन लक्षणों को पहचानना मुश्किल हो जाता है। ऐसे में महिलाएं सही समय पर इलाज नहीं प्राप्त कर पातीं। महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण अक्सर ज्यादा सूक्ष्म और कम स्पष्ट होते हैं जिससे इसे पहचानना मुश्किल हो सकता है। इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण कैसे होते हैं और इससे बचाव के लिए क्या कदम उठाए जा सकते हैं।
महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण
जब हार्ट अटैक का नाम आता है तो हमारे दिमाग में सबसे पहले सीने में तेज दर्द का ख्याल आता है। हालांकि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों की तुलना में अलग होते हैं और यह लक्षण हमेशा सीने के दर्द के रूप में नहीं दिखाई देते। महिलाओं में हार्ट अटैक के कुछ सामान्य लक्षण निम्नलिखित हो सकते हैं:
थकान
महिलाओं को ज्यादा थकान महसूस हो सकती है जो सामान्य गतिविधियों को भी करने में मुश्किल पैदा करती है। यह थकान अचानक महसूस हो सकती है और दिनभर में बढ़ सकती है।
सांस लेने में कठिनाई
हल्के-फुल्के काम करने पर भी महिलाएं सांस फूलने की शिकायत कर सकती हैं। यह लक्षण महिलाओं में अक्सर देखा जाता है।
पीठ, गर्दन या जबड़े में दर्द
महिलाओं में हार्ट अटैक के दौरान कभी-कभी दर्द पीठ, गर्दन, या जबड़े में भी हो सकता है। यह दर्द बाएं हाथ में भी महसूस हो सकता है।
मतली और उल्टी
हार्ट अटैक के दौरान महिलाओं को मतली (उल्टी का मन करना) और उल्टी भी हो सकती है। यह लक्षण सामान्यत: हार्ट अटैक के साथ जुड़ा हुआ होता है।
चक्कर आना और बेहोशी
हार्ट अटैक में दिल की मांसपेशियों को सही मात्रा में ऑक्सीजन नहीं मिल पाती जिससे चक्कर आ सकते हैं और कभी-कभी बेहोशी भी हो सकती है।
अचानक पसीना आना
हार्ट अटैक के दौरान ठंडा पसीना आना एक और सामान्य संकेत हो सकता है। यह महिलाओं में अक्सर देखा जाता है।
अजीब सी बेचैनी महसूस होना
महिलाओं को शरीर में एक अजीब सी बेचैनी या असहजता महसूस हो सकती है जो आमतौर पर हार्ट अटैक के समय होता है।
पेट में दर्द
महिलाओं में अचानक पेट में दर्द या उसके आस-पास दबाव महसूस होना भी हार्ट अटैक का एक लक्षण हो सकता है।
महिलाओं में हार्ट अटैक के कारण
महिलाओं में हार्ट अटैक के कई कारण हो सकते हैं। इनमें से कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं:
हाई ब्लड प्रेशर
उच्च रक्तचाप (हाई ब्लड प्रेशर) दिल पर अतिरिक्त दबाव डालता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल
अगर शरीर में कोलेस्ट्रॉल का स्तर ज्यादा हो तो यह रक्त वाहिकाओं में प्लेग (संचित पदार्थ) जमा कर सकता है, जिससे रक्त का संचार रुक सकता है और हार्ट अटैक हो सकता है।
डायबिटीज
डायबिटीज ब्लड वेसल्स को नुकसान पहुंचाता है और इससे दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है।
स्मोकिंग
स्मोकिंग से रक्त वाहिकाएं संकुचित हो जाती हैं और दिल पर अतिरिक्त दबाव बढ़ता है जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ता है।
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मोटापा
मोटापा भी हाई ब्लड प्रेशर, हाई कोलेस्ट्रॉल और डायबिटीज जैसी समस्याओं का कारण बनता है जिससे दिल की बीमारी का जोखिम बढ़ता है।
तनाव
लगातार तनाव का सामना करने से दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ सकता है। मानसिक तनाव का असर शारीरिक स्वास्थ्य पर भी पड़ता है।
महिलाओं में हार्ट अटैक से बचाव के उपाय
महिलाओं में हार्ट अटैक से बचाव के लिए जीवनशैली और आहार में सुधार करना आवश्यक है। यहां कुछ महत्वपूर्ण उपाय दिए गए हैं:
हेल्दी डाइट
महिलाओं को अपने आहार में फल, सब्जियां, साबुत अनाज और कम फैट वाले डेयरी उत्पादों को शामिल करना चाहिए। इससे दिल को स्वस्थ रखा जा सकता है।
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नियमित एक्सरसाइज
सप्ताह में कम से कम 150 मिनट की मीडियम इंटेंसिटी वाली एक्सरसाइज करें जैसे कि चलना, तैरना, साइकिल चलाना आदि। इससे दिल स्वस्थ रहता है और वजन भी कंट्रोल में रहता है।
सही वजन बनाए रखें
महिलाओं को अपने वजन को हेल्दी रखने के लिए बैलेंस्ड डाइट और नियमित एक्सरसाइज करनी चाहिए। इससे दिल की बीमारियों का खतरा कम हो जाता है।
स्मोकिंग छोड़ें
यदि कोई महिला स्मोकिंग करती है तो उसे इसे छोड़ने की कोशिश करनी चाहिए। स्मोकिंग को छोड़ने से दिल की बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम हो जाता है।
नियमित जांच
महिलाओं को नियमित रूप से हाई ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवानी चाहिए। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं भी लेनी चाहिए।
स्ट्रेस मैनेजमेंट
महिलाओं को तनाव को नियंत्रित करने के लिए योग, मेडिटेशन और अन्य स्ट्रेस मैनेजमेंट तकनीकों का अभ्यास करना चाहिए। इससे मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य दोनों बेहतर रहते हैं।
इसके साथ ही बता दें कि महिलाओं में हार्ट अटैक के लक्षण पुरुषों से अलग हो सकते हैं और इन लक्षणों को पहचानना जरूरी है ताकि समय रहते इलाज किया जा सके। हेल्दी जीवनशैली अपनाने और नियमित स्वास्थ्य जांच करवाने से महिलाओं में हार्ट अटैक के जोखिम को कम किया जा सकता है। यदि आपको कोई भी लक्षण महसूस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।