Edited By Rahul Singh,Updated: 11 Apr, 2025 01:26 PM
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इससे 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के पीछे की साजिश के महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करने में मदद मिलेगी।
पुणे : महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को शुक्रवार को एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इससे 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के पीछे की साजिश के महत्वपूर्ण विवरणों को उजागर करने में मदद मिलेगी। इस मामले में मुख्य आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा (64) को बृहस्पतिवार शाम लॉस एंजिलिस से एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया।
इसके बाद एक विशेष अदालत ने उसे 18 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की हिरासत में भेज दिया। राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) तथा पाकिस्तान में रहने वाले अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है, जिनमें 166 लोग मारे गए थे। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए पवार ने 2008 में हमलों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और गृह मंत्री आर. आर. पाटिल के साथ मुंबई में अपनी मौजूदगी को याद किया।
पवार ने कहा, “ऑपरेशन के बाद हमने सभी हमला स्थलों का दौरा किया। मास्टरमाइंड की पहचान के लिए जांच शुरू की गई। अब जब इस व्यक्ति (राणा) को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है, तो यह पता चल जाएगा कि हमलों के पीछे कौन थे, किसके आदेश पर उसने काम किया और उनका उद्देश्य क्या था।” पवार यहां प्रतिष्ठित समाज सुधारक महात्मा फुले की जयंती पर फुले वाड़ा में उन्हें श्रद्धांजलि देने आए थे।