Edited By Tanuja,Updated: 10 Apr, 2025 02:07 PM
मुंबई में 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले (26/11) के प्रमुख आरोपियों में से एक, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक ताहव्वुर हुसैन राणा (64) को...
New York: मुंबई में 2008 में हुए भीषण आतंकी हमले (26/11) के प्रमुख आरोपियों में से एक, पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक ताहव्वुर हुसैन राणा (64) को अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है। अमेरिका के लॉस एंजिलिस में भारतीय अधिकारियों ने उसे अपनी हिरासत में लिया, जिसके बाद अमेरिकी संघीय जेल ब्यूरो (BOP) ने भी अपनी वेबसाइट से राणा का नाम हटा दिया। अब उसकी स्थिति "8 अप्रैल 2025 से BOP की हिरासत में नहीं" बताई गई है। एक उच्चस्तरीय भारतीय टीम जिसमें राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) और खुफिया एजेंसियों के अधिकारी शामिल थे, ने अमेरिका में सभी कानूनी प्रक्रियाएं पूरी कर राणा को अपने कब्जे में लिया।
सूत्रों के अनुसार, टीम के दिल्ली लौटने से पहले NIA की डिप्टी इंस्पेक्टर जनरल (DIG) जया रॉय ने राणा के प्रत्यर्पण वारंट पर हस्ताक्षर किए। भारत पहुंचने के बाद राणा को कड़ी सुरक्षा में तिहाड़ जेल ले जाया जाएगा। वहां एक संयुक्त एजेंसी टीम जिसमें दो खुफिया एजेंसियों के अधिकारी, NIA के जांचकर्ता और अपराध विज्ञान में विशेषज्ञता रखने वाले मनोवैज्ञानिक शामिल हैं, उससे गहन पूछताछ करेगी। पूछताछ का फोकस पाकिस्तान की इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI), लश्कर-ए-तैयबा (LeT) नेटवर्क और भारत में उसके संभावित सहयोगियों पर रहेगा।
राणा और डेविड हेडली का गहरा संबंध
भारतीय खुफिया एजेंसियों के मुताबिक, राणा ने भारत दौरे के दौरान 231 बार डेविड कोलमैन हेडली (असली नाम दाउद गिलानी) से संपर्क किया था। इनमें से अधिकांश कॉल हमले से ठीक पहले किए गए थे। राणा ने भारत में आठ अलग-अलग लोकेशनों का सर्वेक्षण भी किया था। अधिकारियों का मानना है कि राणा से पूछताछ करना चुनौतीपूर्ण होगा, क्योंकि वह गहरे स्तर तक प्रशिक्षित और जांच प्रक्रियाओं से भली-भांति परिचित है।
विशेष अभियोजक की नियुक्ति
26/11 साजिश मामले में राणा और डेविड हेडली के खिलाफ राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा दर्ज मामले की सुनवाई के लिए केंद्र सरकार ने एडवोकेट **नरेंदर मान को विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया है। यदि राणा को मुंबई स्थानांतरित किया जाता है, तो उसे आर्थर रोड जेल के उसी उच्च सुरक्षा वाले सेल में रखा जाएगा, जहां 26/11 के एकमात्र जीवित आतंकी अजमल कसाब को रखा गया था।
भारत में सुरक्षित लैंडिंग की तैयारी
राणा की प्रत्यर्पण प्रक्रिया से पहले केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और विदेश मंत्री एस. जयशंकर के बीच उच्चस्तरीय बैठक हुई। इसमें राणा की भारत में सुरक्षित लैंडिंग और आगे की रणनीति को अंतिम रूप दिया गया।
पीयूष गोयल का तंज:
"कांग्रेस ने कसाब को बिरयानी खिलाई,
मोदी ने राणा को हथकड़ी पहनाई!"
राणा के भारत लाए जाने पर केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने कांग्रेस पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा: "जिस होटल के सामने हम खड़े हैं, उस पर कांग्रेस सरकार के दौरान आतंकियों ने हमला किया था। तब सैकड़ों निर्दोष लोगों की जान गई, लेकिन उस वक्त की कांग्रेस सरकार ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और अजमल कसाब को बिरयानी खिलाई। आज प्रधानमंत्री मोदी के संकल्प का परिणाम है कि देश पर हमला करने वालों को भारत लाया जा रहा है और भारतीय कानून के तहत सजा दिलाई जाएगी। मुंबईकर और पूरा देश इस पर गर्व कर रहा है।"