Tamannaah Bhatia पर आई मुसीबत... फंसी ED के शिकंजे में, जानिए क्या है पूरा मामला

Edited By Mahima,Updated: 18 Oct, 2024 05:01 PM

tamannaah bhatia is in trouble  caught in ed s clutches

अभिनेत्री तमन्ना भाटिया को HPZ टोकन मोबाइल एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में ED द्वारा पूछताछ के लिए बुलाया गया। ED ने बताया कि फर्जी कंपनियों ने निवेशकों को बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से ठगा। तमन्ना ने एक कार्यक्रम में भाग लिया था...

नेशनल डेस्क: अभिनेत्री तमन्ना भाटिया हाल ही में आर्थिक अपराध शाखा (ED) के ध्यान में आई हैं, जब उन्हें HPZ टोकन मोबाइल एप से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में पूछताछ के लिए बुलाया गया। यह मामला तब सामने आया जब ED ने एक विस्तृत जांच के तहत कई फर्जी कंपनियों की गतिविधियों का पर्दाफाश किया, जिनके निदेशक 'डमी' थे। ये कंपनियां बड़े पैमाने पर निवेशकों से धोखाधड़ी कर रही थीं।

HPZ टोकन एप का मामला
HPZ टोकन एप को लेकर आरोप लगाया गया है कि इसने बिटकॉइन और अन्य क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से भारी रिटर्न का वादा करके निवेशकों को धोखा दिया। इस एप के माध्यम से कई फर्जी और अपर्याप्त जानकारी का सहारा लिया गया, जिससे लोगों ने अपने पैसे गंवाए। ED की जांच में पता चला कि इस एप के जरिए लगभग 455 करोड़ रुपये की राशि इकट्ठा की गई थी।

ED की छापेमारी और जब्ती
जांच के दौरान, ED ने देश भर में छापेमारी की और 455 करोड़ रुपये की संपत्ति और नकद जब्त किया। यह कार्रवाई इस बात को दर्शाती है कि मामले की गंभीरता कितनी है। ED ने बताया कि इस मामले में कुल 299 कंपनियों को आरोपी बनाया गया है, जिनमें से 76 कंपनियां चीन द्वारा नियंत्रित हैं। इनमें 10 निदेशक चीनी मूल के हैं और कुछ संस्थाएं अन्य विदेशी नागरिकों द्वारा नियंत्रित की जा रही हैं।

तमन्ना भाटिया का बयान
ED ने बताया कि तमन्ना भाटिया का बयान मनी लॉन्ड्रिंग रोकने के लिए बने कानून, PMLA के तहत दर्ज किया गया। अभिनेत्री ने HPZ टोकन एप के एक कार्यक्रम में सेलिब्रिटी के रूप में भाग लिया था और उन्हें इस कार्यक्रम में कुछ धनराशि प्राप्त हुई थी। ED ने स्पष्ट किया कि उनके खिलाफ कोई सीधा आरोप नहीं है, लेकिन जांच का हिस्सा होने के कारण उनका बयान दर्ज किया गया।

आरोपितों की सूची और साइबर अपराध का मामला
इस मनी लॉन्ड्रिंग मामले में आरोपितों की सूची में कई नाम शामिल हैं, जिनमें से अधिकांश ने निवेशकों को धोखा देने के लिए विभिन्न तकनीकों का उपयोग किया। कोहिमा पुलिस की साइबर अपराध यूनिट की प्राथमिकी के आधार पर यह मामला दर्ज किया गया। इसमें भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धाराओं के तहत कार्रवाई की गई है। 

भारतीय दंड संहिता और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम
भारतीय दंड संहिता (IPC) और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धाराओं का उपयोग करके जांच को मजबूत किया गया है। इसमें उन सभी आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की गई है जो निवेशकों को धोखा देने के लिए जिम्मेदार थे। इस मामले ने यह भी दर्शाया है कि कैसे क्रिप्टोकरेंसी के माध्यम से धोखाधड़ी के मामलों में वृद्धि हो रही है।

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