धैर्य, दृढ़ता और ईमानदारी की यात्रा, तमिल अभिनेता ने IFFI में अपने जीवन के सबक साझा किए

Edited By Parveen Kumar,Updated: 23 Nov, 2024 06:28 PM

tamil actor shares his life lessons at iffi

शिवकार्तिकेयन की साधारण शुरुआत से लेकर तमिल सिनेमा के सबसे चमकते सितारों में से एक बनने तक की यात्रा, धैर्य, जुनून और दृढ़ता की कहानी है। 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में बोलते हुए उन्होंने अभिनेता और राजनीतिज्ञ खुशबू सुंदर...

नेशनल डेस्क : शिवकार्तिकेयन की साधारण शुरुआत से लेकर तमिल सिनेमा के सबसे चमकते सितारों में से एक बनने तक की यात्रा, धैर्य, जुनून और दृढ़ता की कहानी है। 55वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव (आईएफएफआई) में बोलते हुए उन्होंने अभिनेता और राजनीतिज्ञ खुशबू सुंदर के साथ बातचीत की जिसमें उन्होंने अपने जीवन, करियर और प्रेरणाओं के बारे में बताया।

शिवकार्तिकेयन ने कहा, "शुरू से ही सिनेमा हमेशा मेरा जुनून रहा है और मैं हमेशा दर्शकों का मनोरंजन करना चाहता था।" "इसलिए, मैंने टेलीविज़न एंकरिंग से शुरुआत की, जिसने मुझे मनोरंजन के क्षेत्र में अपना करियर बनाने का मौका दिया और इसे मैंने पूरे जुनून के साथ अपनाया।"

एक मिमिक्री कलाकार के रूप में अपने शुरुआती दिनों को याद करते हुए शिवकार्तिकेयन ने याद किया, "मैं इंजीनियरिंग कॉलेज में अपने प्रोफेसरों की नकल करता था। बाद में, जब मैंने उनसे माफ़ी मांगी तो उन्होंने मुझे प्रोत्साहित किया और कहा कि इस प्रतिभा को सही तरीके से इस्तेमाल किया जाना चाहिए।"

अभिनेता ने बताया किया कि उनके पिता का असामयिक निधन उनके जीवन का एक महत्वपूर्ण मोड़ था। "मेरे पिता के निधन के बाद मैं लगभग अवसाद में चला गया था। मेरे काम ने मुझे इस अवसाद से बाहर निकाला और मेरे दर्शकों की सीटियाँ और तालियाँ मेरी थेरेपी बन गईं,” उन्होंने अपने प्रशंसकों के प्यार और समर्थन को इसका श्रेय दिया।

खुशबू सुंदर ने उनके दृढ़ संकल्प और ईमानदारी की प्रशंसा की। इसे उन्होंने उनके जीवन का सबसे बड़ा सहारा बताया। इससे सहमति जताते हुए शिवकार्तिकेयन ने कहा, “मुझे हमेशा से लाखों लोगों के बीच अलग दिखने की इच्छा रही है, जबकि मैं अब भी आम आदमी से जुड़ा हुआ महसूस करता हूँ। जीवन बाधाओं से भरा है, लेकिन अपने जुनून से उन्हें दूर करने में मदद मिलती है। एक समय ऐसा भी था जब मुझे लगा कि हार मान लेनी चाहिए लेकिन मेरे दर्शकों के प्यार ने मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया।”

मिमिक्री कलाकार से लेकर टेलीविज़न पर मेजबानी करने और आखिरकार तमिल सिनेमा के सबसे मशहूर अभिनेताओं में से एक शिवकार्तिकेयन ने कई भूमिकाएँ निभाई हैं। उन्होंने पार्श्व गायक, गीतकार और निर्माता के रूप में भी प्रशंसा अर्जित की है। अपने करियर विकल्पों के बारे में बात करते हुए उन्होंने बताया, "अपने करियर की शुरुआत में, मैंने अपने सामने आने वाले हर प्रोजेक्ट को स्वीकार किया। लेकिन अब, मुझे लगता है कि कहानियाँ मुझे चुन रही हैं।" उन्होंने डॉक्टर, डॉन और हाल ही में आई अमरन जैसी फ़िल्मों का उल्लेख किया जिसमें उन्होंने वास्तविक जीवन के युद्ध नायक मुकुंद वरदराजन का किरदार निभाया था जो इस बात का उदाहरण है कि वे हाल ही में किस तरह से सार्थक भूमिकाएँ चुन रहे हैं।

हास्य को एक माध्यम के रूप में इस्तेमाल करने पर चर्चा करते हुए शिवकार्तिकेयन ने कहा, "टेलीविज़न से सिनेमा में जाना कठिन था। मैंने हास्य को अपने कवच बनाया और यह महसूस किया कि यह दर्शकों को खुशी देता है, चाहे वह छोटे पर्दे पर हो या बड़े पर्दे पर।"

युवा पीढ़ी के लिए, उन्होंने बस इतना ही कहा: "एक उन्मुक्त पक्षी की तरह उड़ो, लेकिन हमेशा अपने नीड़ में लौट आओ। मेरे लिए, मेरा परिवार मेरा नीड़ है और मेरा मानना ​​है कि जड़ों से जुड़े रहना बहुत ज़रूरी है। हमारे माता-पिता हमारे लिए केवल सर्वश्रेष्ठ चाहते हैं।” यह सत्र एक असाधारण प्रतिभा का मंगलगान था जिनकी कहानी लाखों लोगों के दिलों में गूंजती है। मध्यम वर्गीय परवरिश से लेकर तमिल सिनेमा के शिखर तक शिवकार्तिकेयन की यात्रा जुनून, लचीलापन और सपनों की शक्ति की एक प्रेरक कहानी है।

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