Edited By Pardeep,Updated: 14 Apr, 2025 03:25 AM
तमिलनाडु विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद राज्यपाल आर एन रवि ने शनिवार को एक और विवाद खड़ा करते हुए एक कार्यक्रम में छात्रों से‘जय श्री राम'का नारा लगाने को कहा, जिसके बाद...
चेन्नईः तमिलनाडु विधानसभा में पारित विधेयकों को मंजूरी देने में देरी को लेकर उच्चतम न्यायालय की ओर से फटकार लगाए जाने के बाद राज्यपाल आर एन रवि ने शनिवार को एक और विवाद खड़ा करते हुए एक कार्यक्रम में छात्रों से‘जय श्री राम'का नारा लगाने को कहा, जिसके बाद विरोध शुरू हो गया है।
रवि ने मदुरै में एक कार्यक्रम के दौरान राज्यपाल ने कथित तौर पर छात्रों से जय श्री राम का नारा लगाने को कहा था। इस पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए द्रविड़ कषगम के अध्यक्ष के वीरमणि ने धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने के लिए उन्हें ( रवि) को पद से हटाने की मांग की।
उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा, 'राज्यपाल को तुरंत हटाओ। वह उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद भी धार्मिक कट्टरता के साथ काम कर रहे हैं।' ताजा विवाद उस समय सामने आया है, जब सर्वोच्च न्यायालय ने विधानसभा में पारित 10 विधेयकों को मंजूरी नहीं देने और संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी शक्तियों का इस्तेमाल करने के लिए उन्हें कड़ी फटकार लगाई है। इसके बाद, सभी दस विधेयक अधिनियम बन गए हैं और सरकारी राजपत्र में अधिसूचित किए गए हैं।
उल्लेखनीय है कि भारत में अपनी तरह के पहले प्रकरण में तमिलनाडु ने राज्यपाल या राष्ट्रपति की सहमति के बिना सरकारी राजपत्र में 10 अधिनियमों को अधिसूचित करके एक विधायी इतिहास बनाया है।