Edited By Tanuja,Updated: 28 Sep, 2023 04:33 PM
जिनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 54वें सत्र में कश्मीरी महिला कार्यकर्ता ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए उसके...
इंटरनेशनल डेस्कः जिनेवा में बुधवार को संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (UNHRC) के 54वें सत्र में कश्मीरी महिला कार्यकर्ता ने पाकिस्तान को लताड़ते हुए उसके भारत विरोधी दुष्प्रचार की पोल खोली। तसलीमा अख्तर जो एक सामाजिक-राजनीतिक कार्यकर्ता हैं, ने अपने संबोधन में कहा कि कश्मीर की मूल निवासी होने के नाते, वह केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू कश्मीर (PoK) के विकासात्मक मतभेदों को सामने लाना चाहेंगी।
महिला कार्यकर्ता ने परिषद को बताया, " जम्मू और कश्मीर में सरकार क्षेत्र की भलाई के लिए परिवर्तनकारी बदलाव ला रही है, वहीं PoK के लोग पाकिस्तान सरकार की रहमो करम पर जी रहे हैं। उन्होंने कहा कि जहां केंद्र सरकार क्षेत्र में शांति और समृद्धि लाने के अलावा जम्मू-कश्मीर में बुनियादी ढांचे और विकासात्मक परियोजनाओं में निवेश कर रही है, वहीं पाकिस्तान अपने बुनियादी वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहा है और भारत के खिलाफ छद्म युद्ध छेड़ने के लिए आतंकवादी संगठनों को बचा रहा है। तस्लीमा ने UNHRC को बताया किजम्मू और कश्मीर में गरीबी दर भी PoK की तुलना में काफी कम है।
उन्होंने बताया कि जम्मू और कश्मीर में प्रति व्यक्ति आय लगभग 2,500 अमेरिकी डॉलर है, जो PoK की तुलना में कहीं अधिक है, जबकि वहां प्रति व्यक्ति आय लगभग 1,000 अमेरिकी डॉलर और गिलगित-बाल्टिस्तान में 250 अमेरिकी डॉलर है। तस्लीमा ने UNHRC से आग्रह किया कि वह पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू-कश्मीर के लोगों के बुनियादी मानवाधिकारों की रक्षा के लिए पाकिस्तान सरकार के लिए जवाबदेही तय करने के लिए उचित कदम उठाए।'' बाद में, एक साक्षात्कार में, तस्लीमा ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को प्रायोजित करने और कश्मीरी लोगों के निर्दोष जीवन के साथ खेलने के लिए पाकिस्तान को भी लताड़ा।