Edited By Mahima,Updated: 25 Feb, 2025 09:58 AM
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टाटा कैपिटल ने 23 करोड़ नए शेयरों के साथ अपनी IPO लॉन्च करने की योजना को मंजूरी दी है। मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी ऑफर फॉर सेल (OFS) के जरिए बेचेंगे। भारतीय रिज़र्व बैंक के नियमों के अनुसार, इस कंपनी को सितंबर तक लिस्टेड होना अनिवार्य है। इसके...
नेशनल डेस्क: टाटा कैपिटल ने अपनी आरंभिक सार्वजनिक पेशकश (IPO) की योजना को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत कंपनी 23 करोड़ नए शेयर जारी करेगी। इसके साथ ही, मौजूदा शेयरधारक अपनी हिस्सेदारी भी ऑफर फॉर सेल (OFS) के माध्यम से बेचेंगे। आईपीओ के जरिए टाटा कैपिटल स्टॉक एक्सचेंजों पर लिस्टिंग की योजना बना रही है। कंपनी ने मंगलवार को इस बारे में आधिकारिक घोषणा की। भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) के नियमों के अनुसार, "ऊपरी परत" गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) के लिए यह अनिवार्य है कि वे इस साल सितंबर तक स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध हो जाएं।
इस नीति के तहत, टाटा कैपिटल को भी इसी समयसीमा में अपनी लिस्टिंग पूरी करनी होगी। यह कदम टाटा समूह की वित्तीय शाखा के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह सुनिश्चित करेगा कि कंपनी भारत के वित्तीय सेवा क्षेत्र में एक मजबूत स्थान बनाए रखे। टाटा कैपिटल, टाटा समूह की वित्तीय सेवा शाखा है, और यह नवंबर 2023 में टाटा टेक्नोलॉजीज के सार्वजनिक होने के बाद टाटा समूह की पहली कंपनी होगी, जो IPO लांच करेगी। हालांकि, कंपनी ने इस IPO के आकार, मूल्यांकन या समयसीमा के बारे में कोई विस्तृत जानकारी साझा नहीं की है, लेकिन टाटा समूह के मजबूत ब्रांड और भारतीय वित्तीय सेवा क्षेत्र की स्थिर वृद्धि को देखते हुए इस लिस्टिंग पर निवेशकों की नजर बनी रहेगी।
टाटा कैपिटल की स्थापना 2007 में हुई थी, और यह कंपनी विभिन्न प्रकार के वित्तीय उत्पादों की पेशकश करती है। इसमें होम लोन, पर्सनल लोन, बिज़नेस लोन, प्रॉपर्टी के बदले लोन जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके साथ ही, टाटा कैपिटल धन प्रबंधन और निवेश सेवाएं भी प्रदान करती है। यह कंपनी उपभोक्ताओं और व्यवसायों के लिए व्यापक वित्तीय समाधान प्रदान करती है। कंपनी में सबसे बड़ी हिस्सेदारी टाटा संस की है, और यह मार्च 2024 तक टाटा कैपिटल में 92.8% हिस्सेदारी रखेगी। आईपीओ के बाद, टाटा संस की हिस्सेदारी में कमी आ जाएगी, लेकिन यह कमी ऑफर की संरचना पर निर्भर करेगी। यानी, आईपीओ की अंतिम संरचना पर यह निर्भर करेगा कि टाटा संस का हिस्सा कितना घटेगा।
इसके अलावा, टाटा कैपिटल ने 1,504 करोड़ रुपये (173 मिलियन डॉलर) का राइट्स इश्यू भी मंजूरी दी है। इस कदम से कंपनी को अपने पूंजी आधार को मजबूत करने में मदद मिलेगी, ताकि सार्वजनिक लिस्टिंग से पहले इसकी वित्तीय स्थिति और बेहतर हो सके। यह राइट्स इश्यू कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण वित्तीय रणनीति है, जिससे उसे अपनी स्थिरता और विकास को बढ़ावा देने का मौका मिलेगा। टाटा कैपिटल के लिए IPO के बाद के दिनों में कंपनी की दिशा और बाजार में प्रतिस्पर्धा के लिहाज से कई नई चुनौतियाँ और अवसर भी उत्पन्न हो सकते हैं। खासतौर पर वित्तीय सेवा क्षेत्र में लगातार बदलाव और नए नियमों के बीच यह लिस्टिंग कंपनी के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हो सकती है।