Edited By Anu Malhotra,Updated: 05 Feb, 2025 08:17 AM
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में नई आयकर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर पूरी तरह से टैक्स छूट देने की घोषणा की है। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) जोड़ने पर यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच...
नेशनल डेस्क: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में नई आयकर व्यवस्था के तहत 12 लाख रुपये तक की आय पर पूरी तरह से टैक्स छूट देने की घोषणा की है। वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए मानक कटौती (स्टैंडर्ड डिडक्शन) जोड़ने पर यह सीमा 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाती है।
लेकिन सवाल यह है कि अगर आपकी आय 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है, तो क्या आपको ज्यादा टैक्स चुकाना पड़ेगा? इसका जवाब मार्जिनल रिलीफ (सीमांत राहत) में छिपा है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।
कैसे 12.75 लाख रुपये तक की आय पर नहीं देना होगा टैक्स?
नई कर व्यवस्था के तहत इनकम टैक्स छूट की सीमा को 7 लाख से बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया गया है। लेकिन जिनकी आय 12 लाख रुपये से थोड़ी अधिक है, उनके लिए मार्जिनल रिलीफ की सुविधा दी गई है ताकि उन्हें अनावश्यक रूप से अधिक टैक्स न भरना पड़े।
मार्जिनल रिलीफ की गणना का उदाहरण:
आय (रुपये में) |
मार्जिनल रिलीफ के बिना टैक्स (₹) |
सीमांत राहत के साथ टैक्स (₹) |
12,10,000 |
61,500 |
10,000 |
12,50,000 |
67,500 |
50,000 |
12,70,000 |
70,500 |
70,000 |
12,75,000 |
71,250 |
71,250 (No Marginal Relief) |
इस तालिका से स्पष्ट है कि जिनकी आय 12.75 लाख रुपये तक पहुंच जाती है, उन्हें कोई अतिरिक्त राहत नहीं मिलेगी। लेकिन 12 से 12.74 लाख के बीच कमाने वालों को सीमांत राहत का फायदा मिलेगा और उनका टैक्स सीमित रखा जाएगा।
ध्यान देने योग्य बातें:
- 12 लाख रुपये तक की कर योग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा।
- 12 लाख से थोड़ी अधिक कमाने वालों को मार्जिनल रिलीफ का लाभ मिलेगा।
- मार्जिनल रिलीफ यह सुनिश्चित करता है कि अधिक आय वालों की टैक्स देनदारी अन्य करदाताओं से अधिक न हो।
-सेक्शन 87A के तहत मिलने वाला रिबेट लॉन्ग टर्म और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर लागू नहीं होगा।
-शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर सेक्शन 111A के तहत कर प्रावधान लागू होगा।