Edited By rajesh kumar,Updated: 05 Nov, 2024 07:29 PM
टैक्स अधिकारियों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने हाल ही में 18,000 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है, जो जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के तहत पंजीकृत थीं। इन कंपनियों पर आरोप है कि ये टैक्स चोरी में शामिल थीं और इनकी वजह से सरकारी खजाने को करीब...
नेशनल डेस्क: टैक्स अधिकारियों को बड़ी सफलता मिली है। उन्होंने हाल ही में 18,000 फर्जी कंपनियों का पता लगाया है, जो जीएसटी (गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स) के तहत पंजीकृत थीं। इन कंपनियों पर आरोप है कि ये टैक्स चोरी में शामिल थीं और इनकी वजह से सरकारी खजाने को करीब 25,000 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
कुल 73 हजार फर्जी कंपनियों की पहचान
यह कार्रवाई जीएसटी के तहत फर्जी पंजीकरण के खिलाफ चलाए गए दूसरे राष्ट्रव्यापी अभियान का हिस्सा है। इस अभियान में अधिकारियों ने कुल 73,000 कंपनियों की पहचान की थी, जिनके बारे में संदेह था कि ये सिर्फ टैक्स क्रेडिट का फायदा उठाने के लिए बनाई गई थीं, जबकि इन कंपनियों द्वारा कोई वास्तविक माल की बिक्री नहीं की जाती थी। इस तरह की कंपनियां सरकारी खजाने को नुकसान पहुंचा रही थीं।
18,000 कंपनियों का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं
अधिकारियों ने बताया कि इन 73,000 कंपनियों में से करीब 18,000 कंपनियों का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं था। इन फर्जी कंपनियों ने करीब 24,550 करोड़ रुपए की टैक्स चोरी की। जांच के दौरान कुछ कंपनियों ने स्वेच्छा से 70 करोड़ रुपए का जीएसटी भुगतान भी किया।
21,791 फर्जी कंपनियां सामने आईं
इससे पहले 16 मई से 15 जुलाई 2023 तक जीएसटी के तहत एक और राष्ट्रव्यापी अभियान चलाया गया था, जिसमें 21,791 फर्जी कंपनियां सामने आई थीं। इन कंपनियों का कोई वास्तविक अस्तित्व नहीं पाया गया था। उस अभियान के दौरान लगभग 24,010 करोड़ रुपए की संदिग्ध टैक्स चोरी का खुलासा हुआ था।
सरकार की सख्त कार्रवाई
सरकार अब फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन की पहचान और जांच के लिए लगातार सख्त कदम उठा रही है। अधिकारियों का कहना है कि अब ज्यादा से ज्यादा फिजिकल वैरिफिकेशन किए जा रहे हैं ताकि इन फर्जी कंपनियों को पकड़ा जा सके और टैक्स चोरी की रोकथाम की जा सके। इस प्रकार के अभियान यह दिखाते हैं कि सरकार टैक्स चोरी के खिलाफ बहुत गंभीर है और जीएसटी के तहत पारदर्शिता और ईमानदारी को बढ़ावा देने के लिए ठोस कदम उठा रही है।