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पानी की बोतल छूने पर टीचर ने दलित छात्र की उंगली तोड़ी, कमरे में बंदकर पीटा फिर किया ये काम

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 02 Apr, 2025 07:47 AM

teacher broke the finger of a dalit student for touching a water bottle

उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शिक्षक ने जातिगत भेदभाव की सभी हदें पार कर दीं। मामला किशनी थाना क्षेत्र के ग्राम सकरामपुर का है, जहां नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा के छात्र निशांत...

नेशनल डेस्क: उत्तर प्रदेश के मैनपुरी जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां एक शिक्षक ने जातिगत भेदभाव की सभी हदें पार कर दीं। मामला किशनी थाना क्षेत्र के ग्राम सकरामपुर का है, जहां नरेंद्र प्रताप सिंह मेमोरियल इंटर कॉलेज में 12वीं कक्षा के छात्र निशांत कठेरिया को सिर्फ इसलिए बेरहमी से पीटा गया क्योंकि उसने अपने शिक्षक की मेज पर रखी पानी की बोतल उठा ली थी। इस पर शिक्षक मंगल सिंह शाक्य भड़क उठा और न केवल छात्र को जातिसूचक गालियां दीं, बल्कि कमरे में बंद करके उसकी बेरहमी से पिटाई भी कर दी। मारपीट इतनी गंभीर थी कि छात्र की दो उंगलियां टूट गईं और उसे जांघ, कंधे और जबड़े में भी गंभीर चोटें आईं।

छात्र ने बताया कि शिक्षक ने मारते हुए उसे अपशब्द कहे और आरोप लगाया कि उसने पानी की बोतल "अछूत" कर दी, जिससे अब कोई उसे नहीं पी सकता। पीड़ित छात्र ने जब इस घटना की शिकायत करने की कोशिश की तो उसे धमकाया गया कि अगर उसने किसी को बताया तो इसके गंभीर नतीजे भुगतने पड़ेंगे। डरा-सहमा छात्र अपने घर पहुंचा और परिजनों को इस बारे में बताया। जब परिजन उसे लेकर किशनी थाने पहुंचे तो पुलिस ने पहले शिकायत दर्ज करने से इनकार कर दिया। इसके बाद पीड़ित परिवार ने एसपी कार्यालय जाकर गुहार लगाई, तब जाकर मामले में संज्ञान लिया गया और आरोपी शिक्षक के खिलाफ एससी-एसटी एक्ट समेत आठ गंभीर धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया। हालांकि, शिक्षक अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

इस घटना ने पूरे इलाके में आक्रोश फैला दिया है। परिजन और स्थानीय लोग आरोपी शिक्षक की जल्द गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं। यह घटना भारत में अभी भी जातिगत भेदभाव और छुआछूत की मौजूदगी को उजागर करती है। कानून होने के बावजूद, समाज के कुछ तबके आज भी पुरानी और अमानवीय मानसिकता से ग्रस्त हैं। शिक्षा का मंदिर कहे जाने वाले स्कूलों में इस तरह की घटनाएं यह सवाल खड़ा करती हैं कि क्या समाज वाकई आगे बढ़ रहा है या अब भी भेदभाव की जड़ें गहरी हैं? पुलिस प्रशासन का रवैया भी इस मामले में सवालों के घेरे में है, क्योंकि पहले तो थाने में शिकायत दर्ज करने से इनकार किया गया और जब एसपी के हस्तक्षेप के बाद मामला दर्ज हुआ, तब भी आरोपी खुलेआम घूम रहा है।

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