Edited By rajesh kumar,Updated: 01 Dec, 2024 12:14 PM
तेलंगाना के मुलुगु जिले में रविवार को पुलिस के साथ बड़ी मुठभेड़ में सात माओवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि माओवादियों और माओवाद विरोधी बल ग्रेहाउंड्स के बीच मुठभेड़ जिले के एतुरनगरम मंडल के चलपका वन क्षेत्र में सुबह करीब 5.30 बजे हुई।
नेशनल डेस्क: तेलंगाना के मुलुगु जिले में रविवार को पुलिस के साथ बड़ी मुठभेड़ में सात माओवादी मारे गए। पुलिस ने बताया कि माओवादियों और माओवाद विरोधी बल ग्रेहाउंड्स के बीच मुठभेड़ जिले के एतुरनगरम मंडल के चलपका वन क्षेत्र में सुबह करीब 5.30 बजे हुई। ऐसा माना जा रहा है कि मारे गए लोगों में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) के कुछ प्रमुख नेता भी शामिल हैं।
गोलीबारी तब शुरू हुई जब जंगलों में तलाशी अभियान चला रहे ग्रेहाउंड्स के जवानों ने माओवादियों के एक समूह को देखा और उन्हें आत्मसमर्पण करने का आदेश दिया। लेकिन माओवादियों ने ग्रेहाउंड्स कमांडो पर गोलियां चला दीं, जिससे उन्हें जवाबी कार्रवाई करनी पड़ी। पुलिस पक्ष से किसी के हताहत होने की तत्काल कोई सूचना नहीं है।
मारे गए उग्रवादियों में शीर्ष माओवादी नेता बदरू के भी शामिल होने का संदेह है। बदरू सीपीआई (माओवादी) की येलंडू-नरसामपेटा एरिया कमेटी का सचिव और प्रतिबंधित संगठन की तेलंगाना राज्य कमेटी का सदस्य था। मारे गए माओवादियों की पहचान कथित तौर पर कुरसम मंगू उर्फ बदरू उर्फ पपन्ना (35), एगोलापु मल्लैया उर्फ मधु (43), मुसाकी देवल उर्फ करुणाकर (22), जय सिंह (25), किशोर (22), कामेश (23) और जमुना (23) मुसाकी के रूप में की गई है।
हथियार और विस्फोटक बरामद
पुलिस ने मुठभेड़ स्थल से दो एके-47 राइफलें और अन्य हथियार तथा विस्फोटक बरामद किए हैं। गोलीबारी की सूचना मिलते ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए। हाल के वर्षों में मुलुगु जिले में यह पहली बड़ी मुठभेड़ है और यह प्रतिबंधित संगठन द्वारा क्षेत्र में अपनी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों के बीच हुई है।
चरमपंथियों ने की थी दो लोगों की हत्या
जिले में हाल ही में माओवादियों की मौजूदगी देखी गई थी। 21 नवंबर को मुलुगु जिले में पुलिस मुखबिर होने के संदेह में चरमपंथियों ने दो लोगों की हत्या कर दी थी। माओवादियों ने वाजेडू मंडल मुख्यालय के पेनुगोलू कॉलोनी में यह कार्रवाई की थी। पीड़ितों की पहचान उइका रमेश और निवासी उइका अर्जुन के रूप में हुई है। रमेश उसी मंडल में पेरुरु ग्राम पंचायत के सचिव थे। हमलावरों ने शवों के पास एक नोट छोड़ा जिसमें लिखा था कि रमेश और अर्जुन सूचना एकत्र कर उसे विशेष खुफिया ब्यूरो (एसआईबी) को दे रहे थे, जो राज्य पुलिस की एक विशिष्ट एजेंसी है और माओवादी विरोधी अभियानों में शामिल है।