Edited By Mahima,Updated: 05 Feb, 2025 11:20 AM
किराएदार से संबंधित समस्याओं से बचने के लिए मकान मालिकों को जरूरी कानूनी सावधानियाँ बरतनी चाहिए। डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन, रेंट एग्रीमेंट में शर्तें शामिल करना और किराएदार के खिलाफ कानूनी कार्रवाई का विकल्प समझना अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि किराएदार घर...
नेशनल डेस्क: आजकल के समय में, घर किराए पर देने से जुड़ी कई कानूनी और सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं। अगर आपने अपना घर किराए पर दिया है और अब यह पता चलता है कि किराएदार ने झूठी जानकारी दी है या वह महीनों से किराया नहीं चुका रहा है और घर खाली करने से मना कर रहा है, तो ऐसी स्थिति में आपको किस प्रकार की कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए? मकान मालिक के पास ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए कुछ कानूनी अधिकार होते हैं, लेकिन इनका सही तरीके से पालन करना बहुत ज़रूरी है।
1. किराएदार का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन जरूर करें
किसी भी व्यक्ति को किराए पर लेने से पहले मकान मालिक को किराएदार का डॉक्यूमेंट वेरिफिकेशन करवाना बेहद जरूरी है। यह प्रक्रिया आपको यह सुनिश्चित करने में मदद करती है कि किराएदार का कोई अपराधिक रिकॉर्ड नहीं है और वह अपने किराएदार के रूप में योग्य है। इसके लिए आप अपनी स्थानीय पुलिस स्टेशन में किराएदार की जानकारी दे सकते हैं। यह जानकारी पुलिस को किराएदार के पते और पहचान के बारे में होती है, जिससे यह पुष्टि की जा सकती है कि वह व्यक्ति सही है। अगर किराएदार झूठी जानकारी देकर घर लेता है, तो आप उसे कानूनी तरीके से घर से निकाल सकते हैं। पटियाला हाउस कोर्ट के महमूद आलम के अनुसार, ऐसे मामलों में धारा 318 BNS के तहत कार्रवाई की जा सकती है। यह धारा धोखाधड़ी से जुड़ी होती है और इसमें फर्जी दस्तावेज़ बनाने, गलत जानकारी देने जैसी गतिविधियाँ शामिल हैं।
2. रेंट एग्रीमेंट में इन शर्तों को शामिल करें
किराए पर घर देने से पहले रेंट एग्रीमेंट बनाना अत्यंत महत्वपूर्ण है। रेंट एग्रीमेंट एक कानूनी दस्तावेज होता है जो दोनों पक्षों के अधिकारों और कर्तव्यों को स्पष्ट करता है। इसमें यह उल्लेख होना चाहिए कि अगर किराएदार कोई गैरकानूनी गतिविधि करता है, तो उसे तुरंत घर खाली करना होगा। साथ ही, किराया देने की तारीख, बिजली और पानी के बिलों का भुगतान, और घर की देखभाल के नियमों को भी स्पष्ट रूप से दर्ज करना चाहिए। रेंट एग्रीमेंट में ऐसे बिंदु होने चाहिए जिनसे किराएदार को किराया न देने, घर की सही देखभाल न करने या अन्य शर्तों का उल्लंघन करने पर उसे कानूनी नोटिस भेजकर घर खाली कराया जा सके।
3. अगर किराएदार घर खाली करने से मना कर दे, तो क्या करें?
कई बार ऐसा होता है कि किराएदार घर खाली करने से मना कर देता है। ऐसी स्थिति में मकान मालिक को सबसे पहले रेंट एग्रीमेंट की शर्तों को देखना चाहिए। अगर रेंट एग्रीमेंट में घर खाली करने की प्रक्रिया स्पष्ट रूप से दर्ज है, तो मकान मालिक उसे कानूनी नोटिस दे सकता है और अगर फिर भी किराएदार घर नहीं खाली करता, तो कोर्ट में मामला दर्ज किया जा सकता है। एक कानूनी नोटिस भेजने के बाद, अगर किराएदार किसी भी प्रकार से घर खाली नहीं करता, तो अदालत किराएदार के खिलाफ आदेश जारी कर सकती है।
4. किराया न देने पर कानूनी कार्रवाई का विकल्प
कई बार किराएदार घर में रहते हुए महीनों तक किराया नहीं देता। ऐसे में मकान मालिक को रेंट एग्रीमेंट में यह सुनिश्चित करना चाहिए कि किराया न देने पर क्या कानूनी कार्रवाई की जाएगी। यदि किराएदार लंबे समय तक किराया नहीं चुकाता और बार-बार नोटिस देने के बावजूद वह किराया नहीं देता है, तो मकान मालिक कानूनी रास्ते का पालन कर सकते हैं। रेंट एग्रीमेंट में यह प्रावधान होना चाहिए कि यदि किराएदार दो या तीन महीने तक किराया नहीं देता है, तो उसे कानूनी नोटिस देकर घर खाली कराया जा सकता है।
5. कानूनी अधिकारों का पालन करें और सभी नियमों का ध्यान रखें
मकान मालिकों को अपने अधिकारों के बारे में पूरी जानकारी होनी चाहिए, ताकि भविष्य में किसी भी प्रकार की परेशानी से बचा जा सके। अगर आप सही तरीके से रेंट एग्रीमेंट तैयार करते हैं और कानूनी प्रक्रिया का पालन करते हैं, तो आपको किसी भी प्रकार के विवाद का सामना नहीं करना पड़ेगा। मकान मालिक को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए वह किसी भी प्रकार की अवैध कार्रवाई से बचें और सभी कानूनी प्रक्रियाओं का पालन करें।
कुल मिलाकर, मकान मालिक को किराए पर घर देने से पहले और बाद में अपनी सभी कानूनी प्रक्रियाओं को सही ढंग से पूरा करना चाहिए। किराएदार से संबंधित किसी भी समस्या को हल करने के लिए रेंट एग्रीमेंट का सही तरीके से पालन करना और कानूनी कार्रवाई की जानकारी रखना आवश्यक है।