Edited By Tanuja,Updated: 19 Oct, 2024 04:42 PM
Trudeau's conflict with India will cost Canada's economy heavily! 600 Canadian companies are in trouble, trade worth 8.4 billion USD will be affected
International news: भारत और कनाडा के बीच कूटनीतिक विवाद का असर अब आर्थिक मोर्चे पर भी असर डालने लगा है। खालिस्तानी आतंकी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के बाद से शुरू हुए इस विवाद के चलते उन कनाडाई कंपनियों और फंड्स की चिंताएं बढ़ गई हैं, जिन्होंने भारतीय कंपनियों में भारी निवेश किया है। खासकर कनाडाई पेंशन फंड (CPPIB) ने भारत के बैंकिंग से लेकर टेक्नोलॉजी और रिन्यूएबल एनर्जी जैसे क्षेत्रों में बड़ा इन्वेस्टमेंट किया हुआ है। जानकारी के अनुसार भारत और कनाडा के बीच करीब 8.4 अरब अमेरिकी डॉलर का वार्षिक व्यापार होता है (वित्त वर्ष 2023-24), जिसमें ज्वेलरी, फार्मास्युटिकल्स, केमिकल्स, पेपर और मिनरल्स जैसी वस्तुओं का लेन-देन शामिल है।
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इस विवाद से 600 से अधिक कनाडाई कंपनियां जो भारत में व्यापार कर रही हैं, और 30+ भारतीय कंपनियां जो कनाडा में मौजूद हैं, सीधे प्रभावित हो सकती हैं। इसके अलावा, दोनों देशों के बीच होने वाले द्विपक्षीय व्यापार में शामिल कई कंपनियां भी इस तनाव का शिकार हो सकती हैं। वित्त वर्ष 2022-23 में भारत और कनाडा के बीच द्विपक्षीय व्यापार 8.3 अरब डॉलर का था, जो 2023-24 में बढ़कर 8.4 अरब डॉलर हो गया। इसमें भारत का कनाडा से आयात 4.6 अरब डॉलर पर पहुंच गया है, जबकि निर्यात 3.8 अरब डॉलर पर आ गया है।
कनाडाई पेंशन फंड का भारत में निवेश
कनाडाई पेंशन फंड CPPIB (Canada Pension Plan Investment Board) ने भारत की कई बड़ी कंपनियों में निवेश कर रखा है। इसमें कोटक महिंद्रा बैंक (6141.6 करोड़ रुपये), जोमैटो (2778.1 करोड़ रुपये) जैसे बड़े नाम शामिल हैं। जोमैटो में CPPIB की हिस्सेदारी करीब 1.15% है। इसके अलावा Delhivery, FSN E-Commerce Ventures (Nykaa), और Paytm जैसी कंपनियों में भी भारी निवेश किया गया है।
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अन्य प्रमुख सेक्टर्स में निवेश
कनाडाई पेंशन फंड्स ने भारत में इंफ्रास्ट्रक्चर, रिन्यूएबल एनर्जी, आईटी और फाइनेंशियल सर्विसेज जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में बड़ी पूंजी लगाई है। रियल एस्टेट और फाइनेंशियल सर्विसेज में भी फंड का योगदान महत्वपूर्ण रहा है। 2013 से 2023 तक, कनाडाई फंड्स ने भारत के रियल एस्टेट सेक्टर में लगभग 3.8 अरब कैनेडियन डॉलर और फाइनेंशियल सर्विसेज में 3 अरब कैनेडियन डॉलर का निवेश किया। इसी प्रकार, इंडस्ट्रियल ट्रांसपोर्टेशन में 2.6 अरब कैनेडियन डॉलर का निवेश किया गया है।
कंपनियों पर क्या होगा असर?
कनाडाई फंड्स फिलहाल भारत में करीब 1.98 लाख करोड़ रुपए के मूल्य की घरेलू इक्विटी के मालिक हैं। हालांकि, दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंधों में आई खटास के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि कनाडाई निवेशक अपने पोर्टफोलियो में कोई बड़ा बदलाव करेंगे या नहीं। बीते एक साल में, CPPIB ने भारतीय शेयर बाजार में अपनी हिस्सेदारी कुछ हद तक कम की है, लेकिन अब तक वे भारत से पूरी तरह से बाहर निकलने की जल्दी में नहीं दिख रहे।
भारतीय कंपनियों का भी कनाडा में महत्वपूर्ण निवेश
लगभग 600 कनाडाई कंपनियां भारत में अपने व्यवसाय चला रही हैं। इनमें मुख्य रूप से रिन्यूएबल एनर्जी, फाइनेंशियल सर्विसेज, रियल एस्टेट और टेक्नोलॉजी से जुड़ी कंपनियां शामिल हैं। इसके साथ ही, 30 से अधिक भारतीय कंपनियों का भी कनाडा में महत्वपूर्ण निवेश है, जिसका कुल मूल्य करीब 40,446 करोड़ रुपए है। इन कंपनियों के माध्यम से कनाडा में लगभग 17,000 लोगों को रोजगार मिला है। भारत से कनाडा को मुख्य रूप से रत्न, ज्वेलरी, फार्मास्युटिकल्स, ऑर्गेनिक केमिकल्स, रेडीमेड गार्मेंट्स और मेकैनिकल अप्लायंसेस का निर्यात किया जाता है। वहीं, कनाडा से भारत कागज, लकड़ी का गूदा, पोटाश, आयरन स्क्रैप, कॉपर और इंडस्ट्रियल केमिकल्स का आयात करता है।