Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Nov, 2024 12:31 PM
जम्मू-कश्मीर के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों के लिए निर्माणाधीन रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ आज जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। बता दें कि अपनी रोजी-रोटी खोने के डर से खच्चर और पालकीवालों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ये श्रमिक, जो...
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के कटरा में श्री माता वैष्णो देवी के तीर्थयात्रियों के लिए निर्माणाधीन रोपवे प्रोजेक्ट के खिलाफ आज जमकर विरोध प्रदर्शन हुआ। बता दें कि अपनी रोजी-रोटी खोने के डर से खच्चर और पालकीवालों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है। ये श्रमिक, जो तीर्थयात्रियों को मंदिर तक पहुंचाने का काम करते हैं, रोपवे के निर्माण को अपनी आजीविका के लिए खतरा मानते हुए इसका विरोध कर रहे हैं। सोमवार को पुलिस द्वारा प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश करने पर, विरोध हिंसक हो गया और कुछ प्रदर्शनकारी घायल हो गए।
रोपवे प्रोजेक्ट का उद्देश्य और विरोध का कारण
बता दें कि यह 250 करोड़ रुपये की लागत से कटरा में ताराकोट मार्ग और सांझी छत के बीच 12 किलोमीटर के मार्ग पर निर्माणाधीन रोपवे प्रोजेक्ट तीर्थयात्रियों के लिए यात्रा को तेज और सुरक्षित बनाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है। लेकिन खच्चर और पालकीवालों का कहना है कि यह प्रोजेक्ट उनकी कमाई का प्रमुख स्रोत छीन लेगा, जिस वजह से वे इसका विरोध कर रहे हैं।
रियासी के SSP परमवीर सिंह ने कहा कि "लोग तीन दिनों से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं और स्थिति को नियंत्रण में रखने की कोशिश की जा रही है। सोमवार को कुछ प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, लेकिन हम उम्मीद करते हैं कि जल्द ही स्थिति सामान्य हो जाएगी।"
उपराज्यपाल ने दिया बयान
जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू तवी रिवरफ्रंट परियोजना के निर्माण स्थल का दौरा किया और कहा कि इस परियोजना का 90% काम पूरा हो चुका है, और यह जनवरी तक पूरा होने की उम्मीद है। कटरा में चल रहे विरोध के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड द्वारा घोषित रोपवे परियोजना का उद्देश्य तीर्थयात्रियों को एक सुरक्षित और तेज यात्रा अनुभव प्रदान करना है।
हिंसा और तोड़फोड़
प्रदर्शनकारियों ने हिंसक प्रदर्शन करते हुए गाड़ियों में तोड़फोड़ की और एक पुलिस कर्मी को घायल कर दिया। इसके बाद पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी है और स्थिति को काबू में रखने के प्रयास जारी हैं। इस दौरान, मजदूर संघ के अध्यक्ष भूपिंदर सिंह जामवाल और शिवसेना (UBT) के प्रदेश अध्यक्ष मनीष साहनी ने रोपवे प्रोजेक्ट से प्रभावित होने वाले सभी नागरिकों को ₹20 लाख का मुआवजा देने की मांग की। साथ ही, प्रभावित लोगों के पुनर्वास के लिए ठोस योजना बनाने की भी अपील की गई।