Edited By Radhika,Updated: 18 Feb, 2025 06:19 PM
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पाकिस्तान से एक हिंदुओं का ग्रुप भारत आया है। यह ग्रुप अपने साथ 400 कलश अस्थियों को लेकर पहुंचा है। इन अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा। कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर और श्मशान घाट के मुख्य सेवक रामनाथ मिश्रा अस्थियों को लेकर तर्पण करने...
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान से एक हिंदुओं का ग्रुप भारत आया है। यह ग्रुप अपने साथ 400 कलश अस्थियों को लेकर पहुंचा है। इन अस्थियों को हरिद्वार में विसर्जित किया जाएगा। कराची के पंचमुखी हनुमान मंदिर और श्मशान घाट के मुख्य सेवक रामनाथ मिश्रा अस्थियों को लेकर तर्पण करने के लिए भारत आए हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, रामनाथ मिश्रा ने बताया कि वह संगम का पावन जल लेकर दिल्ली के निगम बोध पर अस्थि कलशों की इसी पवित्र जल से पूजा की जाएगी। अस्थियों पर संगम का जल छिड़कने के बाद दिल्ली से हरिद्वार तक रथ यात्रा निकाली जाएगी। 22 फरवरी को हरिद्वार के सती घाट पर 100 लीटर दूध की धारा में अस्थियों का विसर्जन किया जाएगा।
रामनाथ ने बताया कि कराची के श्मशान घाट का नवीनीकरण किया गया है, जहां अब एक साथ 15 शवों का अंतिम संस्कार किया जा सकता है। श्मशान घाट में अस्थियों को रखने के लिए एक ढांचा भी बनाया गया है, जहां पिछले सात-आठ सालों में 400 हिंदुओं की अस्थियां एकत्र की गई थीं। अब जब उन्हें भारत आने का वीजा मिल गया है, तो वे सभी अस्थियों को लेकर तर्पण करने के लिए यहां आए हैं।
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मेरे पूर्वज प्रयागराज के रहने वाले थे-
रामनाथ मिश्रा ने दावा किया कि उनके पूर्वज सदियों से पंचमुखी हनुमान मंदिर की सेवा करते आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि उनके पूर्वज प्रयागराज के चकिया गांव से थे, लेकिन इतने सालों से दूर रहने के कारण अब यहां किसी से कोई संपर्क नहीं रह गया है। वह खुद को भाग्यशाली मानते हैं कि महाकुंभ के दौरान गंगा में डुबकी लगाने का उन्हें मौका मिला है।
रामनाथ मिश्रा, जो कराची में इकलौते मिश्रा परिवार होने का दावा करते हैं, नाथ संप्रदाय से ताल्लुक रखते हैं और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें पहले केवल लखनऊ के लिए वीज़ा मिला था, लेकिन फिर उन्होंने सीएम योगी आदित्यनाथ को मैसेज किया, और मुख्यमंत्री ने उन्हें प्रयागराज, वाराणसी, मथुरा और अयोध्या समेत यूपी के चार शहरों के लिए वीज़ा दिलवाया। रामनाथ मिश्रा ने कहा, “1947 के बाद यह तीसरी बार है, जब कोई हिंदू ग्रुप अस्थि विसर्जन के लिए भारत आया है।”