बंगाल में माहौल खराब, क्या लग सकता है राष्ट्रपति शासन? आखिर क्या हैं प्रावधान?

Edited By Rahul Singh,Updated: 20 Aug, 2024 07:28 PM

the atmosphere in bengal is bad can president rule be imposed

कोलकाता के सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए उनका...

नैशनल डैस्क : कोलकाता के सरकारी अस्पताल में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या की घटना के बाद पूरे देश में गुस्से का माहौल है। इस बीच, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेताओं ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर बिगड़ती कानून व्यवस्था का आरोप लगाते हुए उनका इस्तीफा मांगना शुरू कर दिया है और राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसी तरह, महाराष्ट्र में भी विधानसभा चुनाव में देरी के चलते राष्ट्रपति शासन लगाने की अटकलें लग रही हैं।

पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस कोलकाता रेप केस के बाद सक्रिय हो गए हैं और उन्होंने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की है। इस स्थिति में पश्चिम बंगाल में राष्ट्रपति शासन की संभावनाएं बढ़ गई हैं। बीजेपी नेताओं की मांग पर राज्यपाल बोस ने कहा कि जो भी फैसला लिया जाएगा, वह राज्य के हित में सोच-समझकर लिया जाएगा। अब यह जानना महत्वपूर्ण है कि राष्ट्रपति शासन कब और किन परिस्थितियों में लगाया जाता है, और इसके बाद राज्य की व्यवस्था में क्या बदलाव होते हैं।

PunjabKesari

राष्ट्रपति शासन कब लगता है?

संविधान के अनुच्छेद 355 और अनुच्छेद 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। अनुच्छेद 355 कहता है कि केंद्र सरकार को राज्यों को बाहरी आक्रमण और आंतरिक अशांति से बचाना चाहिए। अनुच्छेद 356 के तहत, यदि राज्य का संवैधानिक तंत्र विफल हो जाता है, तो राष्ट्रपति राज्य सरकार की शक्तियों को अपने अधीन ले सकते हैं।

PunjabKesariराज्यपाल की भूमिका

राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए राज्यपाल एक रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजते हैं। अगर कैबिनेट की सहमति मिल जाती है, तो राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। यह जरूरी नहीं कि राष्ट्रपति शासन केवल कानून व्यवस्था बिगड़ने पर ही लगे; यदि किसी राज्य में बहुमत नहीं है और गठबंधन की सरकार नहीं बन पा रही, तो भी राज्यपाल राष्ट्रपति शासन की सिफारिश कर सकते हैं।

कामकाज राष्ट्रपति के पास चला जाता है

राष्ट्रपति शासन के दौरान राज्य सरकार का कामकाज राष्ट्रपति के पास चला जाता है। राष्ट्रपति मुख्यमंत्री और मंत्रियों की परिषद को भंग कर सकते हैं। इस दौरान राज्य की विधायिका की शक्तियां संसद के पास चली जाती हैं। राष्ट्रपति शासन के लागू होने के दो महीने के भीतर संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) से मंजूरी प्राप्त करनी होती है। यदि लोकसभा भंग होती है, तो राज्यसभा में बहुमत हासिल करना होता है, और लोकसभा गठन होने के एक महीने के भीतर वहां भी अनुमोदन लेना होता है। राष्ट्रपति शासन को छह-छह महीने करके अधिकतम तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है।

PunjabKesariमहाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन की संभावना

महाराष्ट्र में विधानसभा का कार्यकाल 26 नवंबर 2024 को खत्म हो जाएगा। चुनाव में देरी होने पर राष्ट्रपति शासन लगने की संभावना जताई जा रही है। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि राष्ट्रपति शासन लगाने में कुछ भी गलत नहीं है और मतदान और गिनती की प्रक्रिया कुछ हफ्तों में पूरी की जा सकती है।

Related Story

Trending Topics

Afghanistan

134/10

20.0

India

181/8

20.0

India win by 47 runs

RR 6.70
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!