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ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ज्यादा, वजन 130 हाथियों के बराबर...ऐसा है चंद्रयान-3 को ले जाने वाला 'बाहुबली'

Edited By Seema Sharma,Updated: 14 Jul, 2023 01:45 PM

the bahubali carrying chandrayaan 3

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3' के प्रक्षेपण का समय करीब आ रहा है...जिसे दोपहर 2.35 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा।

नेशनल डेस्क: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने कहा कि देश के तीसरे चंद्र मिशन ‘चंद्रयान-3' के प्रक्षेपण का समय करीब आ रहा है...जिसे दोपहर 2.35 मिनट पर प्रक्षेपित किया जाएगा। यह ‘चंद्र मिशन' साल 2019 के ‘चंद्रयान-2' का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में भी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग' का है।

 

चंद्रयान-3 को बाहुबली रॉकेट लेकर जाएगा और चंद्रमा की कक्षा में स्थापित कराएगा। बता दें कि यह वही रॉकेट है, जिसने सफलतापूर्वक ये काम करीब साढ़े तीन साल पहले चंद्रयान-2 के लिए किया था। बाहुबली रॉकेट लंबा, चौड़ा और ऊंचा राकेट है। नीचे से खड़े होकर देखने पर इसके लिए सिर को पूरा आसमान की ओर उठाना होगा। ये भारत और भारतीय अंतरिक्ष संस्थान द्वारा खुद तैयार किया गया बहुत स्पेशल रॉकेट है। 

 

वैज्ञानिकों ने दिया बाहुबली नाम

इसका नाम जियोसिंक्रोनस स्टैडिंग सेटेलाइट लॉन्च व्हिकल मार्क 3 यानि GSLV Mk3 है। इसरो के वैज्ञानिक इसे बाहुबली कह रहे हैं। इसे LVM3 M4 भी कहा जाता है, इसमें ईंधन भरा चुका है। इसका ईंधन भी खास होता है, जो पेट्रोल और डीजल नहीं होता। ये बाहुबली रॉकेट करीब 3.9 टन वजनी चंद्रयान चांद की कक्षा तक ला जाएगा। वैसे इस बाहुबली नाम सही दिया गया है क्योंकि इसका वजन 642 टन है यानि 130 हाथियों को एक साथ खड़ा कर दें तो उनके भार के बराबर, ऊंचाई कुतुबमीनार से कहीं ज्यादा। करीब 43.5 मीटर यानि 15 मंजिला मकान के बराबर। इससे इसरो अपने कई अभियानों को सफलतापूर्वक अंजाम दे चुका है।

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