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नाविकों की बंपर कमाई से बदल रही ज़िंदगी, पक्का घर और बेटी की शादी का सपना हुआ पूरा

Edited By Mahima,Updated: 07 Mar, 2025 11:33 AM

the bumper earnings of sailors are changing their lives

महाकुंभ 2025 ने नाविकों की ज़िंदगी में बड़ा बदलाव किया है। संजीत और बलवंत निषाद जैसे नाविकों की आय में बंपर वृद्धि हुई, जिससे उनकी ज़िंदगी में खुशहाली आई। सरकार द्वारा दी गई स्किल ट्रेनिंग और डिजिटल पेमेंट के प्रशिक्षण से उनकी कमाई में कई गुना...

नेशनल डेस्क: महाकुंभ 2025 न सिर्फ आध्यात्मिक आस्था और श्रद्धालुओं के संगम का केंद्र बना, बल्कि इस आयोजन ने सैकड़ों नाविक परिवारों की आर्थिक स्थिति को भी मजबूत कर दिया। प्रयागराज में आयोजित इस धार्मिक महाकुंभ ने नाविकों के जीवन में खुशहाली की नई लहर लाकर उन्हें नए अवसर दिए। कई नाविक अब अपनी पारंपरिक नौकरी से बेहतर जीवन जीने का सपना पूरा कर रहे हैं। संजीत कुमार निषाद और बलवंत निषाद जैसे नाविकों की जिंदगी में इस महाकुंभ ने अहम बदलाव लाए हैं।

बिटिया की शादी का सपना हुआ साकार
संगम किला घाट पर नाव चलाने वाले संजीत कुमार निषाद की दो बेटियां हैं। कई सालों से वह अपनी बेटियों की शादी के लिए जमा पूंजी जुटाने में लगे थे, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण वह इसे पूरा नहीं कर पा रहे थे। संजीत बताते हैं, "महाकुंभ में गंगा मैया की कृपा से हमारी कमाई इतनी बढ़ी कि अब मैं अपनी बिटिया की शादी कर सकूंगा। इससे न केवल मेरे परिवार का सपना पूरा होगा, बल्कि समाज में हमारी इज्जत भी बनी रहेगी।" संजीत की बातों में एक गहरी संतोष और विश्वास झलकता है, जो इस महाकुंभ ने उनके जीवन में भर दिया है।

अब तक हमारी ज़िंदगी पानी के भरोसे थी
बलवंत निषाद, जो पिछले तीन दशकों से बलुआ घाट और किला घाट के बीच नाव चलाते आ रहे हैं, उनके लिए यह महाकुंभ किसी वरदान से कम नहीं रहा। बलवंत बताते हैं, "अब तक हमारी ज़िंदगी पानी के भरोसे थी, लेकिन इस बार महाकुंभ में श्रद्धालुओं की संख्या और कमाई इतनी बढ़ी कि अब हम अपना पक्का घर बना सकेंगे और एक नई नाव भी खरीदने का सपना पूरा कर सकेंगे।" पिछले कई दशकों से नाविक परिवार के रूप में जीवन व्यतीत कर रहे बलवंत निषाद और उनके परिवार के लिए यह एक बड़ी राहत की बात है, क्योंकि अब उन्हें अपनी जिंदगी की बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा।

उनकी कमाई में कई गुना वृद्धि 
महाकुंभ 2025 में नाविकों के लिए सरकार ने विशेष योजनाएं बनाई थीं, जिनका उद्देश्य उनकी आर्थिक स्थिति को सुधारना और उन्हें नए कौशल से लैस करना था। प्रयागराज की क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह ने इस योजना के बारे में बताते हुए कहा, "हमने नाविकों को समुदायिक सशक्तिकरण योजना के तहत विभिन्न प्रकार की ट्रेनिंग दी, जैसे स्किल ट्रेनिंग, आपदा प्रबंधन, और डिजिटल पेमेंट।" इस ट्रेनिंग के जरिए नाविकों को नई तकनीकों के बारे में जानकारी दी गई, जिससे उनकी कमाई में कई गुना वृद्धि हुई।

1000 से ज्यादा नाविकों को मिला प्रशिक्षण
इस बार महाकुंभ में मान्यवर कांशीराम पर्यटन प्रबंधन संस्थान के सहयोग से 1000 से अधिक नाविकों को प्रशिक्षित किया गया। इससे नाविकों को न केवल अपनी पारंपरिक नाव चलाने की कला में सुधार हुआ, बल्कि उन्हें डिजिटल भुगतान के तरीकों के बारे में भी जानकारी मिली, जिससे उनका काम और भी सुगम हुआ। इसके परिणामस्वरूप नाविकों को अपनी आय में भारी वृद्धि देखने को मिली, और उन्होंने इसे अपनी जिंदगी को बेहतर बनाने के अवसर के रूप में स्वीकार किया।

आर्थिक परिवर्तन का बड़ा असर 
महाकुंभ के दौरान नाविकों को न केवल बेहतर कमाई का अवसर मिला, बल्कि यह आयोजन उनके लिए जीवन में बदलाव लाने का जरिया भी साबित हुआ। अब वे अपनी मेहनत का सही मूल्य पा रहे हैं। पहले जहां नाविकों को दिन-रात मेहनत करने के बावजूद उचित मुआवजा नहीं मिलता था, वहीं अब वे अपनी मेहनत के लिए उचित इनाम प्राप्त कर रहे हैं। यह महाकुंभ उनके लिए नए अवसर और बेहतर भविष्य की दिशा में एक कदम है। महाकुंभ 2025 ने न केवल धार्मिक आस्था को बल दिया, बल्कि यह नाविकों के लिए आर्थिक और सामाजिक उन्नति का एक सुनहरा अवसर भी बना। नाविकों के लिए सरकार द्वारा की गई विशेष योजनाओं और ट्रेनिंग ने उनकी कमाई में अभूतपूर्व वृद्धि की। इस महाकुंभ ने उनके जीवन में खुशहाली और आशा की नई किरण दिखाई है। संजीत और बलवंत जैसे नाविकों का अनुभव यह साबित करता है कि इस महाकुंभ ने उनके जीवन को एक नई दिशा दी है।

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